मुंबई
कई देशों की सीमाएं लांघकर वसई-विरार शहर में विदेशी पक्षियों का आगमन जारी है। लेकिन इन दिनों अठखेलियां करने आनेवाले दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों का शिकार शहर के आवारा कुत्ते कर रहे हैं। इतना ही नहीं वसई-विरार शहर के समुद्री किनारे आनेवाले सैलानियों को भी ये कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं। इनका आतंक सबसे ज्यादा विरार-पश्चिम के अर्नाला बीच पर देखने को मिल रहा है। इनके आतंक को देखते हुए अर्नाला ग्राम पंचायत ने वसई-विरार महानगरपालिका से इसकी शिकायत की है। पुलिस महानिदेशक कार्यालय में तैनात पुलिस कांस्टेबल और समुद्र सफाई समिति के प्रमुख निनाद पाटील अर्नाला गांव के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि वसई-विरार क्षेत्र में ५० हजार से अधिक आवारा कुत्ते हैं। आवारा कुत्तों के काटने के कारण गांव के लोग बाहर निकलने से भी घबराते हैं। पाटील के मुताबिक चालू वर्ष में अर्नाला में करीब २०० निवासियों और पर्यटकों को आवारा कुत्तों ने शिकार बनाया है। अर्नाला गांव में रहनेवाले १० वर्षीय किशोर को आवारा कुत्तों ने दो बार अपना शिकार बनाया है। किशोर अक्सर खेलने के लिए समुद्र तट पर आया करता था। नितिन पाटील ने बताया कि ठंड का मौसम शुरू हो गया है। वसई -विरार क्षेत्र के समुद्र किनारे बड़े पैमाने पर विदेशी पक्षी अठखेलियां करने आते हैं लेकिन कोहरे की आड़ में बैठे आवारा कुत्ते इनका भी शिकार कर रहे हैं। इसी तरह सोमवार सुबह एक ऑस्ट्रेलियन पक्षी को आवारा कुत्तों ने अपना शिकार बनाया। समुद्र तट सफाई समिति के प्रमुख पाटील ने बताया कि हर सप्ताह हजारों की संख्या में लोग वसई और विरार के समुद्र तटों पर आते हैं। समुद्र तट पर स्टॉलों और उनके द्वारा उत्पन्न कचरे के कारण कुत्ते उनके स्टॉल के पास रहते हैं। मनपा नसबंदी करके कुत्तों को वापस वहीं छोड़ देती है। खाद्य पदार्थों को लेकर ये कुत्ते आपस में लड़ते हैंै और राहगीरों पर भी हमला करते हैं। वसई-विरार शहर महानगरपालिका की मुख्य आरोग्य अधिकारी भक्ति चौधरी ने बताया कि क्षेत्र में २१ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां कुत्ते के काटने का इलाज बिना किसी शुल्क के किया जाता है।एक वर्ष में १५ हजार लोगों काटा
वसई-विरार महानगरपालिका के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से नवंबर तक आवारा कुत्तों ने १५,७४७ लोगों को शिकार बनाया है जबकि वर्ष २०२१ में १८ हजार लोगों को कुत्तों ने काटा था। अर्नाला के सरकारी चिकित्सा अधिकारी, रुग्वेद दुधत ने बताया कि वे हर दिन कम से कम छह लोगों का इलाज करते हैं, जिन्हें कुत्तों ने काटा है। उन्होंने कहा कि ‘समुद्र तटों पर कुत्तों की नसबंदी करने वाली टीम होनी चाहिए, ताकि स्थानीय लोग इससे संक्रमित न हों। फिलहाल यहां के लोग कुत्तों के आतंक से डरकर जीवन जी रहे हैं।
विदेशी पक्षियों का शिकार कर रहे हैं आवारा कुत्ते! …अर्नाला बीच पर १५ हजार सैलानियों को काट चुके हैं
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