मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट को लेकर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में विवाद बढ़ता जा रहा है। दरअसल, उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार घोषित किया, जिसपर कांग्रेस नेता संजय निरुपम भड़क गए। उन्होंने इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लंबा पोस्ट करके अपना गुस्सा निकाला। एमवीए और कांग्रेस के बीच दरार की अटकलों के बीच शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि अगर संजय निरुपम फिर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें यह कांग्रेस पार्टी को बताना चाहिए न कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर। इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई, जब उद्धव ठाकरे ने उत्तर-पश्चिम सीट से अमोल कीर्तिकर को अपना प्रत्याशी एलान किया। अमोल के पिता गजानन कीर्तिकर इस सीट पर मौजूदा सांसद हैं और वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना से जुड़े हैं। अमोल के प्रत्याशी बनने की जानकारी जब कांग्रेस नेता संजय निरुपम को मिली तो उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कई सवाल खड़े कर दिए। निरुपम ने कहा कि कल शाम बची-खुची शिवसेना के प्रमुख ने उत्तर-पश्चिम सीट से एमवीए का उम्मीदवार घोषित कर दिया, जबकि एमवीए की दो दर्जन बैठक होने के बावजूद अभी तक सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। जो आठ से नौ सीटें पेंडिंग हैं, उनमें यह सीट भी है। ऐसा कांग्रेस के उन साथियों ने बताया है, जो सीट शेयरिंग की बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे रात से ही फोन आ रहे हैं। ऐसा कैसे हो सकता है?’ उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि शिवसेना की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा करना गठबंधन धर्म का उल्लंघन नहीं है क्या? या फिर कांग्रेस को नीचा दिखाने के लिए ऐसी हरकत जानबूझकर की जा रही है? कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को हस्तक्षेप करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि शिवसेना की तरफ से जिस उम्मीदवार का नाम प्रस्तावित किया गया है, वह कौन है? खिचड़ी स्कैम का घोटालेबाज है। उन्होंने खिचड़ी सप्लायर से चेक में रिश्वत ली है। संजय निरुपम ने बताया कि कोविड के समय मजबूर प्रवासी मजदूरों को बीएमसी की तरफ से मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने का सराहनीय कार्यक्रम था। गरीबों को खाना खिलाने की योजना में से शिवसेना के प्रस्तावित उम्मीदवार ने कमीशन खाया है। ईडी पूरे मामले की जांच कर रही है। उन्होंने आगे कहा, दोनों पार्टी के नेतृत्व से विनम्रतापूर्वक मेरा यह सवाल है कि क्या ऐसे घोटालेबाज उम्मीदवार के लिए कांग्रेस और शिवसेना के कार्यकर्ता प्रचार करेंगे?
शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता ने किया पलटवार
संजय निरुपम के आरोपों पर उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना भड़क गई। पार्टी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि संजय निरुपम 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए। वह कांग्रेस में किसी भी बड़े पद नहीं हैं, इसलिए शायद यही कारण है कि उन्हें भारत गठबंधन या एमवीए बैठकों में आमंत्रित नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि कौन कहां से लड़ेगा। जब हमने 2019 में मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट जीती, तो उस सीट से फिर से चुनाव लड़ना हमारा अधिकार है।अमोल कीर्तिकर किसी मामले में दोषी सिद्ध नहीं हुए हैं। इन सब बातों को गुमराह करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि संजय निरुपम कांग्रेस के पार्टी के एक नेता है। उन्होंने व्यक्तिगत एक इच्छा जाहिर की है कि वह चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि यह इच्छा उन्हें कांग्रेस पार्टी को बताना चाहिए न कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर या खुलेआम बोलना चाहिए। अब कांग्रेस पार्टी उन्हें कितना गंभीर लेती है यह वही जानें।
‘अगर निरुपम चुनाव लड़ना चाहते हैं तो पार्टी को बताएं…’, MVA और कांग्रेस के बीच दरार पर शिवसेना UBT
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