शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है, लेकिन अगर उन्होंने मणिपुर में जो हुआ उसके बाद बोला होता, तो ऐसी घटनाएं नहीं होतीं। इसके पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा था, “बहुत हो गया, अब समय आ गया है कि भारत महिलाओं के खिलाफ अपराधों की विकृतियों के प्रति जागरूक हो और उस मानसिकता का मुकाबला करे जो महिलाओं को कम शक्तिशाली, कम सक्षम, कम बुद्धिमान के रूप में देखती है।’’ राष्ट्रपति ने एक विशेष हस्ताक्षरित लेख में कहा, “जो लोग महिला को एक वस्तु के रूप में देखते हैं उनसे हमको मुकाबला करना है। हमारी बेटियों को डर से आजादी हासिल करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करना हमारा कर्तव्य है।” 9 अगस्त को कोलकाता के एक अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के खिलाफ अपराधों की एक श्रृंखला का हिस्सा है। राष्ट्रपति की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ठाकरे ने कहा, “संभवत: यह पहली बार है कि राष्ट्रपति ने कहा कि वह डरी हुई हैं। यह अच्छी बात है लकिन अगर राष्ट्रपति ने मणिपुर की घटना के बाद ऐसा कहा होता तो देश में ऐसी घटना ना होती।’’ शिवसेना (यूबीटी) नेता ने अपने पूर्व सहयोगी भाजपा पर फूट डालो और राज करो की ब्रिटिश नीति का इस्तेमाल करने और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच खाई पैदा करने का आरोप लगाया।
बदलापुर कांड पर उद्धव बोले- महाराष्ट्र सरकार दोषियों के साथ खड़ी
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हाल ही में बदलापुर हत्या कांड पर महाराष्ट्र सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में शामिल आरोपियों को सजा दिलाने के बदले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार उनके (आरोपियों) साथ खड़ी है। महिलाओं के खिलाफ अपराध और बदलापुर कांड को लेकर प्रदर्शन के दौरान ठाकरे ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महायुति सरकार को हटाना जरूरी है।
‘अगर राष्ट्रपति मणिपुर घटना पर बोलतीं तो ऐसे मामले नहीं होते’, उद्धव बोले- भाजपा खाई पैदा कर रही
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