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अगले साल सस्ता मिलेगा सरसों तेल, जानिए क्यों

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नई दिल्ली
सरसों तेल (Mustard Oil) की महंगाई से परेशान हैं तो आपके लिए सुकूनदेह खबर है। अगले साल, यानी 2022 में सरसों तेल के सस्ता बिकने के अनुमान है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस साल रबी सीजन में सरसों की रिकार्ड पैदावार होने वाली है। खाद्य तेल उद्योग की सर्वोच्च संस्था सेंट्रल ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एण्ड ट्रेड (COOIT) का अनुमान है वर्ष 2021-22 के रबी सीज़न में पिछले साल के मुकाबले 25 लाख टन अधिक सरसों के उत्पादन होगा।

110 लाख टन रहेगा सरसों का उत्पादन
सीओओआईटी के मुताबिक इस साल रबी सीजन के दौरान देश भर में करीब 110 लाख टन सरसों का उत्पादन होगा। वर्ष 2020-21 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 85 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था। सीओओआईटी के अध्यक्ष बाबूलाल डाटा ने बताया कि इस साल राजस्थान सहित सभी तिलहन उत्पादक राज्यों में सरसों की बुवाई ज़्यादा की गई है। ऐसे में अनुमान है कि 2021-22 सीज़न में सरसों का उत्पादन 100-110 लाख टन तक पहुंच सकता है।
सरसों का रकबा भी बढ़ गया है
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, रबी के इस सीज़न की बात करें तो 10 दिसम्बर 2021 तक रेपसीड और सरसों बीज के लिए कवरेज क्षेत्र 81.66 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले साल 65.97 लाख हेक्टेयर था। बाबूलाल डाटा का कहना है कि किसानों को रबी के पिछले सीज़न सरसों की फसल के अच्छे दाम मिले। परिणामस्वरूप इस सीज़न उन्होंने ज़्यादा ज़मीन पर सरसों बोई है। अब तक मौसम की परिस्थितियां भी अनुकूल बनी हुई हैं।

क्या है सीओआईआईटी
वर्ष 1952 में स्थापित सीओआईआईटी भारत में वनस्पति तेल क्षेत्र के विकास में सक्रिय है। यह राष्ट्रीय स्तर की ऐसी सर्वोच्च संस्था है जो देश में सम्पूर्ण वनस्पति तेल क्षेत्र के हितों का प्रतिनिधित्व करती है। इसके सदस्यों में राज्य स्तरीय संगठन, प्रमुख तेल उत्पादक और कारोबारी आदि शामिल हैें।

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