अनुपम खेर ने भी डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने द एक्सिडेंटल प्राइमिनिस्टर फिल्म में मनमोहन सिंह के किरदार निभाया था। पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर अनुपम खेर ने अपनी बातें कही हैं, साथ ही फिल्म के दौरान उनके बारे में जो कुछ भी जाना इस बारे में बात की है। उन्होंने बताया कि पूर्व पीएम से वे कई बार मिले, वे बहुत ही दयालु स्वभाव के व्यक्ति थे। अनुपम खेर ने कहा कि मैंने मनमोहन सिंह के किरदार के साथ डेढ़ साल गुजारा है। मैंने उनके किरदार और रहन सहन को तो देखता ही है लेकिन वो उनके अंदर को भी जानता है। अनुपम खेर ने कहा कि उन्होंने डॉक्टर मनमोहन सिंह के तरीके के अलावा भी उनकी बहुत सी बातों को जाना है। अनुपम खेर ने कहा कि उन पर फिल्म बनी और रिलीज हुई इस बात से मैं खुश हूं। उनका विषय विवादित था लेकिन मनमोहन सिंह एक व्यक्ति के तौर पर कैसे हैं, यह फिल्म के जरिए सब जान सकते हैं।
अनुपम खेर ने कहा कि जब मुझे फिल्म ऑफर हुई मैंने पहले मना कर दिया था, कुछ कारणों से। इसमें राजनीतिक कारण भी शामिल था। उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि मैं ये फिल्म करूंगा तो लोग कहेंगे कि उनका मजाकर करने के लिए ये फिल्म बनाई। हालांकि, इस बारे में लोगों ने बात की भी, लेकिन अगर मुझसे कहा जाए कि मुझे अपनी जिंदगी के तीन-चार किरदार चुनने हैं, जो मुझे लगता है कि मैंने पूरी शिद्दत से निभाए हैं तो इसमें एक्सिडेंटल प्राइमिनिस्टर को शामिल करूंगा। अनुपम खेर ने कहा, वे बहुत बहुत बहुत अच्छे व्यक्तित्व के इंसान हैं। मैं सोचकर बोल रहा हूं क्योंकि आजकल लोग शब्द पकड़ते हैं और कहां कैसे किस संदर्भ में बोलते हैं इस बारे में भी नहीं सोचते हैं। मैंने उनके साथ समय बिताया है, एक दो कार्यक्रमों में भी मिला हूं। वे मेरे प्रति बहुत दयालु और अच्छे व्यवहार के साथ मिले। उन्होंने फिल्म को लिए भी कामना की थी।
ईमानदार नेता थे मनमोहन सिंह
अनुपम खेर ने आगे कहा कि उनकी सबसे अच्छी क्वालिटी थी, उनकी सुुनने की शक्ति। शायद उनके कार्यकाल में ऐसी चीजें हुईं जिसको लेकर विवाद हुआ, लेकिन एक व्यक्ति के तौर पर वे ईमानदार भी थे और देश की इकॉनॉमी के लिए उन्होंने बहुत से काम भी किए। मैं बार बार दयालु शब्द का इस्तेमाल कर रहा हूं क्योंकि आज के समय में दयालुता बहुत कम देखने को मिलती है। इस पोस्ट को लेकर अनुपम खेर ने लिखा, पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। मैंने उनके बारे में कई सालों तक जाना है। वे बेहद ईमानदार, महान अर्थव्यवस्था का जानकार और दयालु इंसान थे। कुछ लोग कह सकते हैं कि वे चतुर राजनीतिज्ञ नहीं थे। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।