केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी। बजट 2024 पेश किए जाने से पहले होने वाली पारंपरिक हलवा सेरेमनी भी पूरी कर ली गई है। बजट में रेलवे और आम यात्रियों के लिए क्या कुछ खास होगा, इस पर भी सबकी नजर वित्तमंत्री के बजट पर टिकी हुई है। सूत्रों का कहना है कि बजट 2024 में छोटे शहरों को रेल लाइन से जोड़ने का एलान हो सकता है। बजट में 50,000 से 1 लाख की आबादी वाले शहरों पर फोकस होगा किया जाएगा। इसके अलावा रेल बजट में 18-19 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। बजट में रेलवे के लिए 2.9 -3.0 लाख करोड़ के बजट का आवंटन संभव है। इसके अलावा 160 किमी की स्पीड वाले ट्रैक का विस्तार किया जाएगा। अंतरिम बजट में वित्तमंत्री ने भारतीय रेलवे के लिए 2 लाख 55 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया था। आगामी बजट में इस आवंटन में 18-19 फीसदी तक की बढ़त हो सकती है। ये अब 2.9-3.0 लाख करोड़ रुपये के आसपास रह सकता है। सूत्रों का कहना है कि बजट में हाई स्पीड ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर पूरा जोर होगा। इसके लिए दिल्ली-मुंबई जैसे दूसरे ट्रैक्स की पहचान करके उनको अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा बजट में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर फोकस हो सकता है। इसके लिए कमोडिटी के आधार पर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जाने का निर्णय लिया जा सकता है। इस मतलब ये है एक ऐसा कॉरिडोर बनाया जाएगा, जिससे सिर्फ मेटल के सामान की ढुलाई होगी। या एक ऐसा कॉरीडोर बनाया जाएगा, जिसके जरिए सिर्फ एनर्जी से जुड़ी कमोडिटी की ढुलाई होगी।
बजट में इन पर हो सकता है फोकस
भारतीय रेलवे के लिए आगामी केंद्रीय बजट 2024-25 में रेलवे नेटवर्क पर यात्री क्षमता और सुरक्षा बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया जा सकता है। बजट में सरकार का पूरा ध्यान अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों जैसी यात्री ट्रेनों के रूपांतरण पर रहेगा। इस साल के लिए सरकार ने अपने नेटवर्क पर लगभग 25 अमृत भारत ट्रेनों के संचालन का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में कुल 2 ट्रेनें चल रही हैं। वहीं, रेल मंत्रालय ने अगले 5 से 7 सालों में 250 और ऐसी ट्रेनें शुरू करने का भी लक्ष्य रखा है। वंदे भारत स्लीपर वर्जन का प्रोटोटाइप 15 अगस्त तक शुरू होने की उम्मीद है। इस ट्रेन की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में की गई थी। वंदे भारत स्लीपर वर्जन लंबी दूरी और रात भर की यात्रा को कवर करेगा। इस साल रेलवे मंत्रालय को दो दर्जन से अधिक वंदे भारत चेयर कार वर्जन ट्रेनें शुरू करने की उम्मीद है। वर्तमान में इन हाई-स्पीड ट्रेनों की 100 से अधिक सेवाएं कई राज्यों में चलती हैं। वंदे मेट्रो जो धीरे-धीरे मौजूदा उपनगरीय ट्रेनों या लोकल ट्रेनों की जगह लेगी, बहुत जल्द शुरू होने की संभावना है। सरकार स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच के कार्यान्वयन पर भी अधिक ध्यान केंद्रित करेगी। राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट इस वित्तीय वर्ष तक कवच के तहत 4500 किलोमीटर रेल मार्ग को लागू करना चाहता है।