सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को मृदा स्वास्थ्य के संरक्षण के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार ने आने वाले वर्षों में जैविक खाद्य वस्तुओं का निर्यात 10 गुना बढ़ाकर 70,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है। सहकारिता मंत्री शाह नौरोजी नगर के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में तीन राष्ट्रीय स्तर की बहुराज्यीय सहकारी समितियों- भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल), नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) और नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (एनसीईएल) के 31,000 वर्ग फुट क्षेत्र को कवर करने वाले नए कार्यालय भवन का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। उन्होंने कहा, इन समितियों का उद्देश्य देश में कृषि क्षेत्र की समस्याओं को दूर करके जैविक खाद्य पदार्थों समेत अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना है। ऐसा होने से किसानों की आय में वृद्धि होगी। कार्यक्रम के दौरान शाह ने रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करते हुए जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, अगले पांच वर्षों में हर जिले में जैविक फार्म और उत्पादों को प्रमाणित करने के लिए एक प्रयोगशाला होगी। शाह ने कहा कि एनसीओएल देश में जैविक खेती को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक जैविक उत्पादों का बाजार कुल 10 लाख करोड़ रुपये का है। भारत का जैविक उत्पादों का निर्यात केवल 7,000 करोड़ रुपये है। हम भारत के जैविक निर्यात को 70,000 करोड़ रुपये तक ले जाना चाहते हैं। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमने बीज सहकारी लिमिटेड के लिए 5 वर्ष में 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक कृषि उपज बाजार 2155 अरब डॉलर का है। इसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 45 अरब डॉलर है। 2030 तक इसे 115 अरब डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि इन तीन समितियों के माध्यम से आने वाले दिनों में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट, बीज संरक्षण और संवर्धन और एक्सपोर्ट के क्षेत्र में सभी खाई (गैप्स) को भरने में सफलता मिलेगी। तीनों समितियां कृषि और संबंधित गतिविधियों से जुड़े लोगों के उत्थान को सुनिश्चित करेंगी और प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स) के माध्यम से किसानों से कृषि उपज और बीज की खरीद करेंगी। इससे पैक्स को और मजबूती मिलेगी, क्योंकि इससे जुड़े किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य मिलेगा। समितियां यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से काम करेंगी कि शुद्ध अधिशेष (नेट सरप्लस) पर मुनाफा सीधे किसानों के खातों में जाए।
अमित शाह बोले- तीन नई सहकारी समितियां कृषि से जुड़ी दिक्कतों को सुलझाएगी, किसानों की आय बढ़ेगी
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