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‘अल्पसंख्यकों के मन में संघ के प्रति जो डर था वो…’, ABPS का उद्घाटन कर बोले मोहन भागवत

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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आरएसएस अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) का उद्घाटन किया। इस दौरान आरएसएस के संयुक्त महासचिव डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि अल्पसंख्यक सक्रिय हैं। संघ को लेकर उनके मन में जो डर पैदा किया गया था, वह अब धीरे-धीरे दूर हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘संघ के स्वयंसेवकों को विपरीत परिस्थितियों में काम करने की आदत है और हर जगह काम बढ़ रहा है। भारत के सभी 140 करोड़ लोग हिंदू हैं क्योंकि उनके पूर्वज हिंदू थे, हमारी संस्कृति एक ही है। वे (अल्पसंख्यक) सक्रिय हैं और संघ को लेकर उनके मन में जो डर पैदा किया गया था, वह अब धीरे-धीरे दूर हो रहा है और वे संघ के करीब आ रहे हैं। उनकी भागीदारी बढ़ रही है।’ बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 15, 16 और 17 मार्च को नागपुर में अपनी प्रतिनिधि सभा की मेजबानी करेगा। यह संघ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। बैठक में आरएसएस के करीब 1570 शीर्ष पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।

वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सामग्री और नाम में बदलाव किए
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने शुक्रवार को कहा कि संघ ने अपने वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सामग्री और नाम में बदलाव किए हैं और इस साल से ही उन्हें लागू किया जाएगा। बता दें, संघ के नागपुर में शुक्रवार से शुरू हुए वार्षिक ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा’ के सम्मेलन में उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। वैद्य ने कहा कि सात दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग, 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष, 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग द्वि वर्ष और 25 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मामूली बदलाव किए गए हैं। अब उनके पास नए संघ कार्यकर्ताओं के लिए 3 दिवसीय प्रारंभिक वर्ग ‘कार्यक्रम है। इसके बाद नए लोग प्राथमिक शिक्षा वर्ग में भाग लेंगे, जिसके बाद 15-दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग से पहले ‘संघ शिक्षा वर्ग-प्रथम वर्ष’ कहा जाता था और इसकी अवधि 20 दिनों की थी। वैद्य ने कहा कि संघ के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में युवा भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर साल प्रथम शिक्षा वर्ग में 15,000 से 17,000 युवा और प्राथमिक शिक्षा वर्ग में लगभग एक लाख युवा भाग लेते हैं। वैद्य ने कहा, ‘आगे से संघ शिक्षा वर्ग 15 दिन का होगा।’ आरएसएस नेता ने कहा कि पहले ‘द्विवर्ष’ और ‘तृतीय वर्ष’ की प्रशिक्षण कक्षाओं को अब क्रमश: ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-1’ और ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कहा जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षुओं को पांच दिन के लिए मैदान पर ले जाकर व्यवहार संबंधी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए तृतीय वर्ष की कक्षा की सामग्री में थोड़ा बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा, ‘यह नया पाठ्यक्रम और नाम इसी साल से लागू किया जाएगा।’
आरएसएस में भी चुनावी साल
आरएसएस प्रतिनिधि सभा की बैठक में एक नया सहकार्यवाह या महासचिव चुना जाएगा। इसलिए ये बैठक अहम है। वर्तमान महासचिव दत्तात्रेय होसबले है।. इसकी संभावना है कि उन्हें दोबारा पद मिल सकता है, क्योंकि आरएसएस अपने शीर्ष पदाधिकारियों को कई कार्यकाल देने के लिए जाना जाता है। आरएसएस में इसके लिए हर तीन साल में चुनाव होते हैं। बैठक में आरएसएस दो-तीन प्रस्ताव भी पारित करेगा. सामाजिक राजनीतिक मसलों पर चर्चा होगी।. सामाजिक समरसता या सामाजिक एकजुटता, जातिगत भेदभाव से लड़ना, भारतीय परिवार प्रणाली को मजबूत करना, बच्चों और युवाओं को भारतीय सभ्यता, पर्यावरण, स्वच्छता, नागरिक कर्तव्यों के बारे में शिक्षित करना इत्यादि संघ की प्रतिनिधि सभा के प्रमुख मुद्दे होंगे, जिन पर चर्चा की जाएगी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत नागरिक कर्तव्यों की बात करते रहे हैं। आरएसएस अपनी प्रतिनिधि सभा में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता पर भी चर्चा करेगा। इस बैठक में आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोहों को लेकर सुझावों पर चर्चा की जाएगी। आरएसएस का लक्ष्य अगले साल तक देश के हर मंडल तक पहुंचने का है।