इस्राइल ने हमास और हिजबुल्ला की कमर तोड़ दी है, लेकिन इसके बावजूद इस्राइल अभी तक अपने बंधकों को नहीं छुड़ा पाया है। यही वजह है कि अब इस्राइल की सरकार बातचीत के जरिए अपने बंधकों को छुड़ाने की कोशिशों में जुट गई है। इस्राइल का एक प्रतिनिधिमंडल आज कतर दौरे पर जाएगा। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने एक प्रतिनिधिमंडल को कतर जाने की मंजूरी दे दी है। ये प्रतिनिधिमंडल बंधकों को छुड़ाने के लिए बातचीत करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्राइल और हमास के बीच बीते कुछ दिनों से बंधकों को छुड़ाने के लिए बातचीत की सहमति बन रही थी। कतर जा रहे प्रतिनिधिमंडल में इस्राइली खुफिया एजेंसी मोसाद, शिन बेत और इस्राइली सेना आईडीएफ के अधिकारी शामिल होंगे। हमास की तरफ से भी एक प्रतिनिधिमंडल के कतर की राजधानी दोहा पहुंचने की उम्मीद है। बंधकों को छुड़ाने के लिए आंदोलन कर रहे द होस्टेज एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम ने नेतन्याहू के फैसले का स्वागत किया। फोरम ने कहा कि हमें इस अवसर की खिड़की से नहीं चूकना चाहिए।
करीब 100 बंधक अभी भी हमास की कैद में
करीब 100 बंधक हमास की कैद में हैं। बीते नवंबर में कतर ने भी खुद को बातचीत से अलग कर लिया था। कतर ने आरोप लगाया था कि इस्राइल और हमास बातचीत के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि पर्दे के पीछे से कोशिशें जारी रहीं और अब अचानक से प्रतिनिधिमंडल के कतर जाने से उम्मीदें बंधी हैं। हमास के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि इस बार दोनों पक्षों के बीच सहमति बन जाएगी। हमास द्वारा बंधकों को छोड़ने की शर्त है कि लड़ाई पर रोक लगे। हालांकि इस्राइल इसके लिए तैयार नहीं है। अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हमास को धमकी है कि वह जल्द बंधकों को रिहा कर दें, वरना इसके गंभीर परिणाम होंगे।
आखिरकार बातचीत के रास्ते पर लौटा इस्राइल, बंधकों को छुड़ाने के लिए कतर भेजेगा प्रतिनिधि दल
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