अभिनेता शरद केलकर ने अपने संघर्ष के दिनों को भी याद किया। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने हकलाने की समस्या पर काबू पाया। मैं इत्तेफाक से अभिनेता बन गया। इसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था और न ही मैंने कभी अभिनेता बनने के लिए ट्रेनिंग ली थी। मैं अपने हकलाने की समस्या को काबू करने के लिए हर दिन कोशिश करता था और कैमरे का सामना करता था। एक अभिनेता के तौर पर मैं समझता हूं कि मैं अपने काम के लिए सबका आभारी हूं, लेकिन संतुष्ट नहीं हूं। अगर एक अभिनेता संतुष्ट हो जाता है तो उसकी यात्रा समाप्त हो जाती है। मुझे सीखने और बढ़ने की भूख है। यह भूख कभी नहीं मिटेगी। मैं कोशिश करता रहूंगा। सीखूंगा और आगे बढूंगा।’
‘आदिपुरुष’ में प्रभास को अपनी आवाज देने वाले शरद केलकर बोले- भाग्यशाली हूं, जो श्रीराम की वाणी बना
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