पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया, उसकी विदेशी मीडिया और विशेषज्ञों में कड़ी प्रतिक्रिया हुई है। खान को कोर्ट परिसर में गिरफ्तार करने को घटना को विदेशी मीडिया ने खासा महत्त्व दिया है। साथ ही उनकी गिरफ्तारी के लिए जिस तरह पाकिस्तान रेंजर्स को लगाया गया, उसकी तरफ भी ध्यान खींचा गया है। रेंजर्स पाकिस्तान के अर्धसैनिक बल हैं। कई हलकों से सवाल उठाया गया है कि क्या निहत्थे इमरान खान को हिरासत में लेने के लिए उतनी बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों की जरूरत थी? विदेशी मीडिया में इमरान खान की गिरफ्तारी से पाकिस्तान में टकराव बढ़ने का अंदेशा जताया गया है। साथ ही इस घटनाक्रम के पाकिस्तान की राजनीतिक एवं आर्थिक हालत पर होने वाले दूरगामी नतीजों और पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर इसके संभावित परिणामों को लेकर भी आगाह किया गया है। अमेरिका की मशहूर पत्रिका टाइम ने कहा है कि इस गिरफ्तारी से पाकिस्तान में खान समर्थकों का सरकार और सैन्य नेतृत्व से टकराव और भड़क उठा है। इसके और भी गंभीर रूप लेने की संभावना है। वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक और पाकिस्तान विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन ने कहा है कि इमरान खान और पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान के बीच तनाव लंबे समय से चल रहा था। खान की गिरफ्तारी से इस तनाव में भारी बढ़ोतरी हो गई है। कुगेलमैन ने अंदाजा लगाया है कि खान की गिरफ्तारी में सेना ने प्रत्यक्ष भूमिका निभाई। इसमें संभवतः उसे शहबाज शरीफ सरकार का सहयोग भी मिला। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि इमरान खान की गिरफ्तारी पाकिस्तान में जारी टकराव का हिस्सा है। यह टकराव इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और सैन्य प्रतिष्ठान के बीच चल रहा है। अखबार ने कहा है कि इमरान खान सैन्य प्रतिष्ठान की नजर में उसके लिए अस्तित्व का खतरा बन गए हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर ने अपनी एक रिपोर्ट में इमरान खान को ‘पाकिस्तान का सर्वाधिक लोकप्रिय नेता’ बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी उनके और सत्ता प्रतिष्ठान के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष का नतीजा है। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन ने इस तरफ ध्यान खींचा है कि अर्धसैनिक बल इस्लामाबाद हाई कोर्ट के परिसर में घुस गए, जिससे यह घटना नाटकीय बन गई। ब्रिटिश गार्जियन ने इमरान खान को ‘पाकिस्तान का सबसे निर्णायक व्यक्ति’ बताते हुए कहा है कि सेना से उनके संबंधों में दरार 2021 के आरंभ में पड़ी थी। तब प्रधानमंत्री के रूप में खान ने अपनी सरकार पर सेना के नियंत्रण का प्रतिरोध शुरू कर दिया था। गार्जियन ने इमरान खान की जारी लोकप्रियता का जिक्र करते हुए कहा था कि गिरफ्तारी के बाद बने हालात वर्तमान सरकार के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। विदेशी मीडिया ने देश में उथल-पुथल की आशंका जताई है और कहा है कि उसका पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी असर पड़ेगा। मीडिया टिप्पणियों में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय गहरी दिलचस्पी के साथ पाकिस्तान की घटनाओं पर नजर रखे हुए है। इन घटनाओं का असर पाकिस्तान के भविष्य पर पड़ने की संभावना है।
इमरान खान की गिरफ्तारी से विदेश में गहराई पाकिस्तान के भविष्य पर आशंका
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