मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बिल्डर संजय छाबड़िया को हिरासत में लेगा। उसे केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने 28 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वाधवा और उनके भाई धीरज वाधवा से जुड़े धोखाधड़ी के मामले में यह गिरफ्तारी की थी। इसके बार ईडी ने छाबड़िया की हिरासत के लिए सीबीआई कोर्ट से इजाजत मांगी थी, जो उसे मिल गई है। सीबीआई ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में मुंबई के रियल्टी उद्यमी संजय छाबड़िया को 28 अप्रैल शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने 2020 में डीएचएफएल ने राणा कपूर और कपिल वधावन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कपूर ने डीएचएफएल को वित्तीय सहायता देने के लिए वधावन के साथ एक आपराधिक साजिश को अंजाम दिया था। इसमें संलिप्तता के आरोप में रेडियस डेवलपर्स के छाबड़िया की गिरफ्तारी की गई थी। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, घोटाला अप्रैल और जून 2018 के बीच शुरू हुआ जब यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया। बदले में वधावन ने कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को डीओआईटी (DoIT) अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को ऋण के रूप में 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया। कपूर की बेटियां रोशनी, राधा और राखी मोग्रन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से डीओआईटी अर्बन वेंचर्स की 100 प्रतिशत शेयरधारक हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि डीएचएफएल द्वारा डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को बहुत कम मूल्य वाली घटिया संपत्तियों के गिरवी रखने और कृषि भूमि से आवासीय भूमि में इसके भविष्य के लाभ पर विचार करके 600 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया था। आगे पाया गया कि डीएचएफएल ने आज तक अपने डिबेंचर में यस बैंक द्वारा निवेश किए गए 3,700 करोड़ रुपये की राशि को भुनाया नहीं था। इसके अलावा यस बैंक ने आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये का ऋण भी मंजूर किया, जिसके निदेशक धीरज वधावन हैं।
ईडी के हिरासत में पहुंचेगा बिल्डर संजय छाबड़िया, 28 अप्रैल को हुई थी गिरफ्तारी
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