महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों भूचाल आया हुआ है। हाल ही में राज्य के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर सवाल उठाते हुए तंज कसा था। इतना ही नहीं, उन्होंने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा था। ठाकरे ने फणडवीस को आड़े हाथों लेते हुए मजाक उड़ाते हुए कहा था कि आज हम यहां इसलिए बैठे हैं क्योंकि मोदीजी ने कोविड की वैक्सीन तैयार की थी। अब ठाकरे के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके समर्थकों को राज्य की जनता ने सत्ता से बेदखल कर दिया है। उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके समर्थकों और महाराष्ट्र की जनता ने सत्ता से बेदखल कर दिया। दुनिया का मानना है कि भारत ने 160 देशों को मुफ्त में वैक्सीन और दवाइयां दीं। साथ ही देश के लोगों को भी मुफ्त में वैक्सीन दी। उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा कि कोरोना महामारी के काल में वे कोविड के डर से घर से बाहर नहीं निकले थे और प्रदेश की जनता को भूल गए थे। तब केंद्र सरकार ही आगे आई थी। मुंबई में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे को शर्म आनी चाहिए कि उनकी सरकार के दौरान पालघर में ‘साधुओं’ पर हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गई थी। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर उद्धव ठाकरे ने बयानबाजी की थी। उन्होंने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर कहा था कि पीएम ने मणिपुर के हालात पर चुप्पी साध रखी है और वे वहां जाने की बजाय अमेरिका जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मोदी का अंधभक्त बताते हुए कहा था कि उन्हें टीकाकरण की जरूरत है। उन्होंने फडणवीस का एक ऑडियो क्लिप चलाकर तंज कसा था कि आज हम यहां इसलिए बैठे हैं क्योंकि मोदीजी ने कोविड की वैक्सीन तैयार की थी। शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा था, ‘फडणवीस ने कहा कि मोदीजी ने कोविड के लिए टीका तैयार किया था। अगर कोविड का टीका मोदीजी द्वारा तैयार किया गया था, तो बाकी शोधकर्ता क्या कर रहे थे? ऐसे अंधभक्तों और उनके गुरुओं को टीका लगाने की जरूरत है। मुझे लगता है कि उन सभी को परामर्श के लिए एक केंद्र भेजा जाना चाहिए।’
उद्धव के वार पर अनुराग ठाकुर ने किया पलटवार; बोले- कोरोना काल में जनता को भूल घर में छिपे बैठे थे
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