महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पार्टी में विधायकों की बगावत के बाद अब पार्षदों में भी शिंदे खेमे में शामिल होने के सुर फूटने लगे हैं। गुरुवार को ठाणे नगर निगम के 67 में से 66 पार्षद शिंदे गुट में शामिल हो गए, जिसके बाद उद्धव ठाकरे का ठाणे नगर निगम से नियंत्रण पूरी तरह खत्म हो गया। सिर्फ विधायक या पार्षद ही नहीं अब सांसदों के शिंदे खेमे में शामिल होने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना के 12 सांसद एकनाथ शिंदे गुट के संपर्क में हैं। एक दिन पहले शिंदे खेमे के विधायक गुलाबराव पाटिल ने दावा किया था कि 12 सांसद शिंदे गुट में शामिल होने की तैयारी में हैं। उनके इस दावे के बाद शिवसेना नेता आनंद राव ने शिवसेना से इस्तीफा दे दिया। सांसदों को बचाने के लिए राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बड़ा दांव चला है। गुरुवार को संजय राउत ने बताया कि उद्धव ठाकरे के निर्देश के बाद पार्टी ने लोकसभा में अपने चीफ व्हिप को बदलने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा है। पार्टी अब रंजन विचारे को चीफ व्हिप के रूप में नियुक्त करना चाहती है। शिंदे गुट में आने वाले शिवसेना सांसदों में सबसे पहला नाम उनके पुत्र कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे का है। इसके अलावा रामटेक से सांसद रामकृपाल तुमाने, हिंगोली से हेमंत पाटिल, शिर्डी से सदाशिव लोखंडे, यवतमाल से भावना गवली, दक्षिण-मध्य मुंबई से राहुल शेवाले, बुलढाणा से प्रतापराव जाधव, पालघर से राजेंद्र गावित, नासिक से हेमंत गोडसे, मावल से श्रीरंग बारणे और ठाणे से राजन विचारे के नाम की चर्चा है। वहीं, उद्धव ठाकरे खेमे में 7 सांसद हैं, जिनमें दक्षिण मुंबई से अरविंद सावंत, उत्तर-पश्चिम मुंबई से गजानन कीर्तिकर, उस्मानाबाद से ओमराजे निंबालकर, हातकलंगणे से धैर्यशील माने, परभणी से संजय बंडू जाधव, कोल्हापुर से संजय मंडलिक और दादरा नगर हवेली से कलाबेन डेलकर हैं। सियासी ड्रामे के बीच महाराष्ट्र में नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कार्यभार संभाल लिया। इस दौरान उन्होंने अपने मंत्रियों व अधिकारियों के साथ बैठक की।
उद्धव ठाकरे को फिर बड़ा झटका, ठाणे नगर निगम के 67 में से 66 पार्षद शिंदे गुट में शामिल
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