महाराष्ट्र में शिवसेना में फूट और एकनाथ शिंदे के भाजपा के साथ सरकार बना लेने के बाद से सियासी बयानबाजी अपने चरम पर है। इसी क्रम में शनिवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे गुट पर परोक्ष रूप से हमला किया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना पार्टी खुले में पड़ी कोई वस्तु नहीं है जिसे कोई भी उठा सकता है और इसकी विरासत पर दावा कर सकता है। उन्होंने कहा कि शिवसेना की नींव गहरी और जड़ें मजबूत हैं। उन्होंने ये बातें 1960 में बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना के साप्ताहिक ‘मार्मिक’ के 62वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए कहीं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि शिवसेना खुले में पड़ी कोई वस्तु है जिसे वे उठा सकते हैं और ले जा सकते हैं। इस मौके पर ठाकरे ने कहा कि शिवसेना के बीज ‘मार्मिक’ के माध्यम से बोए गए थे, क्योंकि इसमें प्रकाशित कार्टून ने 62 साल पहले बेचैन दिमागों को आवाज दी थी। उन्होंने कहा कि कोई कल्पना कर सकता है कि महाराष्ट्र में मराठी लोगों और भारत में हिंदुओं के साथ क्या होता अगर शिवसेना नहीं होती। गौरतलब है कि ‘मार्मिक’ को 1960 में तत्कालीन राजनीतिक कार्टूनिस्ट बाल ठाकरे ने लॉन्च किया था। इसे ही शिवसेना पार्टी के लिए लॉन्चपैड के रूप में देखा जाता है, जो 1966 में अस्तित्व में आई थी। उद्धव ठाकरे ने क्षेत्रीय दलों पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की टिप्पणी को लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए आश्चर्य होता है कि क्या हम गुलामी के दिनों में वापस जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि शिवसेना का अस्तित्व कभी खत्म नहीं होगा। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सशस्त्र बलों में भर्ती कम करने की योजना बना रहा है। ‘अग्निपथ योजना’ का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि आपके पास राज्य सरकारों को गिराने के लिए पैसा है, लेकिन सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए नहीं। इस दौरान ठाकरे ने मुख्यमंत्री शिंदे पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, आज लोग बिना कुछ किए घूम रहे हैं और अपने-अपने अभिनंदन कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। मंत्री बिना किसी जिम्मेदारी के बेकार बैठे हैं। इस दौरान शिवसेना अध्यक्ष ने कार्टूनिस्टों से 1947 से पिछले 75 वर्षों में भारत की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कार्टून प्रकाशित करने का आग्रह किया।
चल रही है खींचतान
बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना की विद्रोही शिंदे खेमे के साथ राजनीतिक खींचतान चल रही है। दोनों बाल ठाकरे की मूल शिवसेना पर अपना दावा कर रहे हैं। एकनाथ शिदें गुट के विरोध के कारण जून में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद 30 जून को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। अब शिंदे गुट ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह- “धनुष और तीर” पर भी दावा किया है और फिलहाल ये मामला चुनाव आयोग के समक्ष लंबित है।