सत्ता गंवाने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पहली बार खुलकर मीडिया के सामने आए। एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने शिवसेना के भविष्य के बारे में बात की। ठाकरे ने कहा, शिवसेना को हमसे कोई नहीं छीन सकता है। उन्होंने कहा, इसमें कोई भी संदेह नहीं है कि ‘तीर और कमान’ शिवसेना का चिह्न है और इसे हमसे कोई नहीं छीन सकता है। ठाकरे ने आगे कहा, हमें सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास है। कोर्ट जो भी फैसला करेगा वह हमें स्वीकार होगा। कहा, उच्चतम न्यायालय का 11 जुलाई का फैसला सिर्फ शिवसेना का ही नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भविष्य भी तय करेगा। उन्होंने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की मांग की। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने विशेषज्ञों से सलाह ली है। उन लोगों ने बताया है कि विधायक दल में विभाजन हो सकता है लेकिन मूल पार्टी बनी रहती है। वह खत्म नहीं हो सकती। क्योंकि दोनो अलग-अलग इकाइयां हैं। इसलिए चुनाव चिन्ह को लेकर किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास है। कोर्ट का 11 जुलाई का फैसला सिर्फ शिवसेना का ही नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भविष्य भी तय करेगा। वहीं, ठाकरे ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी अपनी बात स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि सांसदों की बैठक के बाद तय करेंगे कि किसे समर्थन देना है। उद्धव ने भाजपा से कहा कि अगर आपको यही करना था, तो 2019 में करना चाहिए था। शिवसेना-भाजपा का ढाई-ढाई साल का मुख्यमंत्री होता और यह गरिमामय तरीके से हो गया होता। विश्वासघात करने की कोई आवश्यकता ही नहीं पड़ती। ठाकरे ने बागी विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भाजपा ने पिछले ढाई साल से उनके परिवार को निशाना बनाया तब वे चुप थे और उनके संपर्क में रहकर हमें धोखा देते रहे। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कल दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। इससे पहले दोनों नेताओं ने शुक्रवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
उद्धव ठाकरे बोले- शिवसेना को हमसे कोई नहीं छीन सकता, कल पीएम मोदी से मिलेंगे शिंदे-फडणवीस
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