महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक व्यक्ति ने उपन्यासकार आनंद एल नीलकांतन पर वाल्मिकी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उनसे 10 लाख रुपये वसूलने क प्रयास किया। ठाणे पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (जबरन वसूली) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। व्यक्ति की पहचान रवींद्र चौधरी के तौर पर हुई है जिसने खुद को विश्व वाल्मिकी समाज का अध्यक्ष बताया है। 49 वर्षीय उपन्यासकार अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें 21 अगस्त की रात चौधरी का फोन आया था, जिन्होंने खुद को विश्व वाल्मिकी समाज का अध्यक्ष बताया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि चौधरी ने उपन्यासकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी किताब ‘वाल्मिकी की महिला- रामायण की पांच कहानियां’ में वाल्मिकी समाज को अपमान किया है। उपन्यासकार से बाद करने का बाद कॉल करने वाला व्यक्ति 2.5 लाख रुपये में मान गया। इसके बाद उपन्यासकार आनंद ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने फिलहाल मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अबतक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। उपन्यासकार आनंद एल नीलकांतन ने अबतक 13 से भी ज्यादा किताबें लिख चुके हैं। वह पौराणिक कथा लिखने के लिए काफी मशहूर हैं। उन्होंने अबतक 12 अंग्रेजी और एक मलयालम में किताबें लिखी हैं।
पूर्व मेयर की अग्रिम जमानत याजिका खारिज
मुंबई की एक अदालत ने पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर को कोविड-19 पीड़ितों के लिए बॉडी बैग की खरीद में भ्रष्टाचार के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया है। गिरफ्तारी के डर से शिवसेना (यूबीटी) नेता ने इस महीने की शुरुआत में अदालत के सामने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसबी जोशी ने पेडनेकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पेडनेकर और बृहन्मुंबई नगर निगम के दो अफसरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 120 (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया था। यह कोविड-19 केंद्रों में हुए घोटाले से जुड़ा मामला है, जिसमें धन की हेराफेरी, कोविड महामारी के दौरान बीएमसी द्वारा मृतक कोरोनोवायरस रोगियों के लिए बॉडी बैग, मास्क और अन्य वस्तुओं की खरीद में वित्तीय अनियमितताएं शामिल हैं। पिछले महीने भाजपा नेता किरीट सोमैया द्वारा ईओडब्ल्यू में दर्ज कराई गई शिकायत के बाद मामला सामने आया है। पेडनेकर नवंबर 2019 से मार्च 2022 तक मेयर पद पर रहे। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें झूठे केस में फंसाया गया है।
उपन्यासकार आनंद नीलकंठन को रंगदारी के लिए आया फोन; मुंबई की पूर्व मेयर पेडनेकर को कोर्ट से झटका
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