केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सोमवार को कहा कि यह सही है कि लोच चिंतित हैं। लोगों का चिंतित होना जायज है। जब तक केंद्र और राज्य चर्चा नहीं करते हैं तह तक इसका कोई समाधान संभव नहीं है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी में कोई कटौती नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा, सरकारी खजाने पर यूपीए सरकार की ओर से जारी किए गए तेल बांडों के लिए किए जा रहे ब्याज भुगतान का बोझ है। सरकार ने अभी तक केवल ऑयल बॉन्ड पर पिछले पांच साल में 62 हजार करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि साल 2026 तक हमें अभी 37 हजार करोड़ रुपये का भुगतान और करना है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि ब्याज भुगतान के बावजूद 1.30 लाख करोड़ से अधिक का मूलधन अभी भी बकाया है। अगर हम पर तेल बॉन्ड का बोझ नहीं होता तो हम ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने की स्थिति में होते। वित्त मंत्री ने वाहन ईंधन की कीमतों पर वर्तमान में बनी इस स्थिति के लिए पूरी तरह के कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।
सीतारमण ने यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने 1.44 लाख करोड़ रुपये कीमत के ऑयल बॉन्ड जारी करके तेल की कीमतें घटाई थीं। मैं इस तरह की चालबाजी नहीं कर सकती हीं जैसी पिछली यूपीए सरकार ने की थी। इससे हमारी सरकार पर बोज बढ़ा है और इसी वजह से हम पेट्रोल डीजल की कीमतें कम नहीं कर पा रहे हैं।
उम्मीदों को झटका: नहीं सस्ता होने वाला पेट्रोल-डीजल, वित्त मंत्री ने बताया क्यों नहीं दी जा सकती आम आदमी को राहत
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