हिंदी सिनेमा से बराबरी पर आ खड़े हुए और अक्सर आगे भी निकलने लगे दक्षिण भारतीय सिनेमा के बाद अब मुंबई की ही धरती से संचालित होने वाले मराठी सिनेमा ने भी नया जयघोष किया है। हाल के कुछ बरसों में कई शानदार मराठी फिल्मों ने अपना डंका देश विदेश में बजाया है और मराठी फिल्मों के कारोबार ने इस साल अपनी शानदार उपस्थिति भी बॉक्स ऑफिस पर दर्ज कराई है। क्षेत्रीय सिनेमा की दिनों दिन बदलती सूरत ने अखिल भारतीय सिनेमा का जो नया अध्याय शुरू किया है, उसमें मराठी सिनेमा के दिग्गजों ने यहां मुंबई में बुधवार की रात एक साथ सात अध्याय लिखने शुरू कर दिए। हाल ही में निर्माता निर्देशक महेश मांजरेकर ने एक कार्यक्रम में हुंकार भरी कि अब क्षेत्रीय सिनेमा को क्षेत्रीय सिनेमा के नजरिए से नहीं देखना चाहिए। उनके कहने का मतलब साफ था कि अब क्षेत्रीय सिनेमा भी बड़े पैमाने में बन रहा है और इसकी ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। और, महेश मांजरेकर की इसी बात को और पुख्ता करते हुए मराठी सिनेमा ने यहां सात फिल्में एक साथ शुरू कर दीं। इस ऐतिहासिक मौके पर महेश मांजरेकर, के अलावा हिंदी और मराठी सिनेमा के जाने माने सितारे उर्मिला मातोंडकर, स्वप्निल जोशी, जॉनी लीवर, श्रेयस तलपड़े, मृणाल कुलकर्णी, सुबोध भावे, उपेंद्र लिमये आदि मौजूद रहे।
इस अवसर पर महेश मांजरेकर ने कहा कि एक समय कन्नड़ सिनेमा की ऐसी स्थिति थी कि इंडस्ट्री कभी भी बंद हो सकती थी। लेकिन फिल्म ‘केजीएफ’ ने कन्नड़ सिनेमा की सूरत बदल दी है। ये फिल्म हिंदी के अलावा और भी कई भाषाओं में रिलीज हुई और रिकार्डतोड बिजनेस किया। आज क्षेत्रीय सिनेमा की फिल्में अंतराष्ट्रीय हो गई हैं। अगर अच्छा कंटेंट होगा तो किसी भी भाषा की फिल्म चलेगी। वहीं, उर्मिला मातोंडकर ने कहा कि निश्चित रूप से मराठी सिनेमा के लिए यह बहुत ही अच्छा संकेत है। इस मौके पर घोषित की गई सात फिल्मों में से पहली फिल्म रही ‘निरवधी’। इस फिल्म के लेखक निर्देशक महेश मांजरेकर है। इसमें सुबोध भावे, गौरी इंगावले और उपेंद्र लिमये लीड भूमिका में है। महेश मांजरेकर के मुताबिक निरवधी का मतलब अनंत होता है। यह एक ऐसी प्रेम कहानी है। दूसरी फिल्म इस मौके पर ‘एप्रिल फूल’ के नाम से घोषित हुई। इस फिल्म के निर्देशक प्रियदर्शन जाधव है और कहानी नीरज सर्वेकर ने लिखी है। ‘फक्त महिलासाठी’ का निर्देशन मृणाल कुलकर्णी करने जा रही हैं। फिल्म की कहानी उनके ही बेटे राजस कुलकर्णी ने लिखी हैं। इसमें वंदना गुप्ते, प्रसाद ओक और शिवांगी रंगोले की प्रमुख भूमिकाएं है। मृणाल कुलकर्णी ने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग ब्रिटेन में की जाएगी। ‘थ्री चीयर्स’ नामक फिल्म के लेखक, निर्देशक परितोष पेंटर है। इस फिल्म में जॉनी लीवर, सिद्धार्थ जाधव, जयेश ठक्कर, श्वेता गुलाटी की प्रमुख भूमिका है। इस फिल्म के जरिए जॉनी लीवर के बेटे जेस्सी लीवर बतौर एक्टर मराठी सिनेमा में कदम रख रहे हैं। निर्देशक प्रसाद खांडेकर की फिल्म ‘एकदा येऊन तर बघा’ में तेजस्वी पंडित, वनिता कराद, पंढरीनाथ कांबले, राजेश शिरसाटकर, भावु शिंदे और सयाजी शिंदे की मुख्य भूमिकाएं हैं। वहीं फिल्म ‘सुटका’ के निर्देशक प्रसाद ओक और लेखक हेमंत बादकर है। इस फिल्म में स्वप्निल जोशी, प्रार्थना बेहरे और ओमकार राउत लीड भूमिकाओं में हैं। परितोष पेंटर एक और फिल्म ‘ती मी नव्हेच’ के नाम से बनाने जा रहे हैं, इस फिल्म में उर्मिला मातोंडकर, श्रेयस तलपड़े और निनाद कामत की मुख्य भूमिकाएं है।