#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

एआई को मत दीजिए फैसला लेने का अधिकार, उसे बनाएं अपना सेवक: राधिका गुप्ता

75
आज, 13 फरवरी 2025 को प्रसारित हुए “परीक्षा पे चर्चा” कार्यक्रम के तीसरे एपिसोड में एडलवाइस म्यूचुअल फंड (Edelweiss Mutual Fund) की सीईओ और एमडी राधिका गुप्ता तथा प्रसिद्ध टेक यूट्यूबर गौरव चौधरी (टेक्निकल गुरुजी) विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस दौरान छात्रों को महत्वपूर्ण सलाह दी गई, खासतौर पर एआई और टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव को लेकर। सीईओ राधिका गुप्ता ने छात्रों से कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को निर्णय लेने की शक्ति न दें। इसे केवल सूचना प्राप्त करने के लिए उपयोग करें, लेकिन अंतिम फैसला खुद लें। उन्होंने इस ओर ध्यान दिलाया कि एआई के अत्यधिक उपयोग से हमारी रचनात्मकता प्रभावित हो सकती है। इसके साथ ही, उन्होंने छात्रों को यह सलाह भी दी कि वे सोशल मीडिया पर दिखाई जाने वाली रील्स को वास्तविकता न मानें, क्योंकि इन्हें एडिट करके दिखाया जाता है, जिससे वे वास्तविक जीवन का सटीक प्रतिबिंब नहीं होतीं।
AI को सीमित रूप से अपनाने की सलाह – टेक्निकल गुरुजी
कार्यक्रम में टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ गौरव चौधरी (टेक्निकल गुरुजी) ने छात्रों को सलाह दी कि वे टेक्नोलॉजी को अपना साथी बनाएं, लेकिन उस पर पूरी तरह निर्भर न हों। उन्होंने कहा कि एआई को केवल सहायक की तरह प्रयोग करना चाहिए, न कि हर निर्णय का आधार बनाना चाहिए। अधिक शक्ति देने पर यह हमारे कौशल और निर्णय लेने की क्षमता को कमजोर कर सकता है। गौरव चौधरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि तकनीक ने जीवन को सरल बनाया है, लेकिन जब यह हमारी क्षमताओं को बाधित करने लगे, तो इसके उपयोग को नियंत्रित करना जरूरी हो जाता है। उन्होंने कहा कि स्क्रीन से ब्रेक लेना आवश्यक है ताकि हम वास्तविक पलों का आनंद ले सकें। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि पहले लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के फोन नंबर याद रखते थे, लेकिन अब स्मार्टफोन और अन्य डिवाइसेज़ पर निर्भरता के कारण यह आदत धीरे-धीरे खत्म हो रही है। इसी तरह, एआई पर अत्यधिक निर्भरता से हमारी स्मरण शक्ति और रचनात्मकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।