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एनिमल की आलोचना करने पर संजय गुप्ता ने जावेद अख्तर को ठहराया गलत? बोले- गुलाबी आंखों से दुनिया देख रहे

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संदीप रेड्डी वंगा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘एनिमल’ ने कमाई के मामले में नए रिकॉर्ड बनाए। रणबीर कपूर के अभिनय को खूब तालियां मिलीं। मगर, इन तारीफों के साथ-साथ फिल्म की खूब आलोचनाएं भी झेलनी पड़ीं। विवाद हुए और फिल्म को महिला विरोधी होने के तमगे दिए गए। मशहूर पटकथा लेखक, गीतकार और कवि जावेद अख्तर ने तो फिल्म की सफलता को खतरनाक करार दे दिया। इस मामले में निर्देशक संजय गुप्ता ने जावेद अख्तर पर पलटवार करते हुए संदीप रेड्डी का समर्थन किया है। ‘एनिमल’ पर सवाल उठे, लेकिन सवाल और विरोध के सुरों के बीच ऐसी भी आवाजें आईं जिन्होंने फिल्म और संदीप रेड्डी वंगा का समर्थन किया। अब समर्थन करने वालों में कांटे, जज्बा और काबिल जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके निर्देशक संजय गुप्ता भी जुड़ गए हैं। संजय गुप्ता ने संदीप रेड्डी की तारीफ की और कहा कि उन्होंने बहुत से लोगों को असहज कर दिया है, जो शायद फिल्म के लिए काम आया। संजय गुप्ता ने आगे कहा कि जावेद अख्तर ने ‘एनिमल’ को लेकर जो आलोचना की, वह पूरी तरह सही नहीं है। निर्देशक ने आगे कहा कि अनुभवी पटकथा लेखक अभी भी ‘गुलाबी रंग के चश्मे’से दुनिया को देख रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘उन्होंने बहुत से लोगों को काफी असहज कर दिया है। हम कामसूत्र और खजुराहो की भूमि से हैं और हम सेक्स एजुकेशन के बारे में बात नहीं करेंगे। हम स्वाभाविक रूप से पाखंडी हैं। निर्देशक ने आगे कहा कि हाल ही में अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवाने के साथ बातचीत में उन्हें एहसास हुआ कि ‘एनिमल’ ने फिल्म इंडस्ट्री को बदल दिया है।
‘दुनिया अब पहले जैसी नहीं’
निर्देशक से जब फिल्म को लेकर जावेद अख्तर के विचारों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जावेद अख्तर सही हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि वे अभी भी ‘गुलाबी रंग के चश्मे’ के माध्यम से दुनिया को देख रहे हैं। वे यह स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि समाज पहले ही बदल चुका है। हम वही लोग नहीं हैं जो 10 साल पहले थे। हममें वैसी करुणा नहीं है। हमारे पास उतना धैर्य नहीं है’।