कजाकिस्तान गणतंत्र दिवस के अवसर पर, भारत में देश के राजदूत नुरलान झालगासबायेव ने नई दिल्ली में एक बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका देश अगले साल अस्ताना में एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करने के लिए उत्सुक है। राजदूत ने कहा कि कजाकिस्तान भारत और कजाकिस्तान के बीच रणनीतिक साझेदारी के स्तर को बढ़ाने का प्रयास करेगा। झालगासबायेव ने सम्मेलन में आगे कहा कि कजाकिस्तान रणनीतिक साझेदारी (भारत के साथ) को और भी ऊंचे स्तर तक ले जाने और हमारे लोगों की दोस्ती और समृद्धि की खातिर द्विपक्षीय संबंधों को एक नया अर्थ देने के लिए हर अवसर का अधिकतम लाभ उठाने का प्रयास करना जारी रखेगा। इस साल दो बड़े आयोजनों एससीओ शिखर सम्मेलन और वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ का जिक्र करते हुए, दूत ने कहा, कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों के संबंध में, इस साल हमारे पास दो बड़े आयोजन थे। जुलाई में एससीओ शिखर सम्मेलन और वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ जनवरी। यह बैठक कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव के राष्ट्र संबोधन ‘इकोनॉमिक कोर्स ऑफ ए जस्ट कजाकिस्तान को समर्पित है।
कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को किया स्वीकार
उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में कजाकिस्तान द्वारा हासिल की गई कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को भी स्वीकार किया, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में कजाकिस्तान में 2020 से शिक्षकों के वेतन को दोगुना करना, डॉक्टरों के लिए महत्वपूर्ण वेतन वृद्धि, और ‘नेशनल फंड फॉर चिल्ड्रन’ जैसी पहल का कार्यान्वयन और ग्रामीण क्षेत्रों में 300 से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण शामिल है। वर्तमान आर्थिक उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, राष्ट्रपति टोकायेव ने कहा, कि ‘सबसे महत्वपूर्ण कार्य देश के ठोस औद्योगिक ढांचे का निर्माण करना है, जो आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करता है। मुख्य जोर विनिर्माण क्षेत्र के त्वरित विकास पर दिया जाना चाहिए।’