भारत में हर दिन साइबर स्कैम हो रहे हैं और लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। हर दिन साइबर स्कैम से पीड़ित लोगों के खाते से लाखों रुपये निकल रहे हैं, लेकिन ये स्कैमर्स पकड़ में नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला तमिलनाडु का है जहां एक सरकारी डॉक्टर को एक यूट्यूब विज्ञापन पर क्लिक करने के बाद 76.5 लाख रुपये का नुकसान हुआ। यूट्यूब विज्ञापन में शेयर बाजार में निवेश और हाई रिटर्न का दावा किया गया था। पीड़ित एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्हों ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के एक यूट्यूब विज्ञापन पर क्लिक किया। विज्ञापन पर क्लिक करने के बाद उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में रीडायरेक्ट किया गया, जहां कई लोग पहले से ही निवेशक के तौर पर थे और शेयर बाजार को लेकर टिप्स दे रहे थे। लोग ग्रुप में मुनाफे के स्क्रीनशॉट भी साझा कर रहे थे। शुरुआती दिनों में व्हाट्सएप ग्रुप ने डॉक्टर को ऑनलाइन ट्रेडिंग की शुरुआती जानकारी दी जिससे ग्रुप के लोगों पर उनका भरोसा बढ़ गया। ग्रुप का एडमिन “दिवाकर सिंह” नामक शख्स था, जो अक्सर शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए ट्रेडिंग टिप्स और सुझाव देता था। ग्रुप के सदस्यों ने पीड़ित को उनके निवेश पर अच्छे मुनाफे का वादा किया और आश्वासन दिया कि उनकी राशि प्रमुख भारतीय और अमेरिकी शेयरों में निवेश की जाएगी। ठगों ने कुछ विशेष स्टॉक्स और आईपीओ की सिफारिश की, जिसमें 30 प्रतिशत मुनाफे का दावा किया, जिससे डॉक्टर को संदेह हुआ, बावजूद उन्होंने स्कैमर्स द्वारा दिए गए लिंक के पर क्लिक करके खाते में पैसे भेजना शुरू कर दिया। अक्टूबर में तीन हफ्तों के भीतर डॉक्टर ने लगभग 76.5 लाख रुपये भेज दिए। 22 अक्टूबर को जब डॉक्टर ने अपने खाते से 50 लाख रुपये निकालने की कोशिश की, तो वेबसाइट ने यह कहते हुए लेन-देन को अस्वीकार कर दिया कि निकासी को प्रोसेस करने के लिए तथाकथित “क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल बायर्स एसोसिएशन” द्वारा अतिरिक्त 50 लाख रुपये की आवश्यकता है। इसके बाद डॉक्टर को लगा कि उनके साथ फ्रॉड हो गया। इस संबंध में साइबर पुलिस में केस दर्ज किया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
ऑनलाइन स्कैम में फंसे डाक्टर साहब, खाते से निकले 76 लाख रुपये, आप ना करें ऐसी गलती
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