फिल्मों की रिलीज से पहले उन्हें सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलता है। अगर फिल्मों में कोई आपत्तिजनक संवाद या दृश्य हो तो उस पर सेंसर बोर्ड की कैंची चल जाती है। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप जैसी चीज नहीं है। अभिनेता रजा मुराद का कहना है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी सेंसरशिप होनी चाहिए। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से ओटीटी कंटेंट की रेगुलेटिंग पर चर्चा की और इसे जरूरी बताया।
‘ओटीटी पर सेंसरशिप होनी चाहिए, सामाजिक मूल्यों की रक्षा के लिए ये जरूरी है’, बोले एक्टर रजा मुराद
26