राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र पर परोक्ष निशाना साधा। सोमवार को उन्होंने कहा कि दो दिन पूर्व केंद्र ने राज्यों से ओबीसी आरक्षण को लेकर एक सूची बनाने को कहा। कई लोगों ने इस पर सोचा कि राज्य सरकार द्वारा आरक्षण दिया जा सकता है, लेकिन उन्हें भ्रमित किया जा रहा है।
ओबीसी आरक्षण को लेकर हाल ही में संसद द्वारा पारित संविधान संशोधन विधेयक के मद्देनजर पवार ने यह बात कही। एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि कोर्ट पूर्व में फैसला दे चुकी है कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। अब केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य ओबीसी आरक्षण को लेकर सूची तैयार कर सकते हैं और अपने स्तर पर निर्णय कर सकते हैं। पवार के अनुसार इसका कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि लगभग सभी राज्य 50 फीसदी की सीमा पार कर चुके हैं। यह मुद्दा जनता के सामने लाना जरूरी है। राज्यसभा में मार्शल बुलाना सांसदों पर परोक्ष हमला था एनसीपी प्रमुख पवार ने यह भी कहा कि पिछले सप्ताह राज्यसभा में हंगामे के दौरान मार्शल बुलाना सांसदों पर परोक्ष हमला था। उन्होंने कहा कि सात केंद्रीय मंत्रियों को मीडिया के सामने आकर सरकारी की ओर से सफाई देना पड़ी इसका मतलब है कि उनका विकेट कमजोर था। मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवार ने कहा कि उनके 54 साल के संसदीय जीवन में ऐसा कभी नहीं देखा कि 40 मार्शलों ने सत्र के दौरान किसी सदन में प्रवेश किया हो। पवार ने यह भी कहा कि इस आरोप की जांच होना चाहिए कि सदन में बाहरी लोगों ने प्रवेश किया। एनसीपी प्रमुख ने मांग की कि कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, पी. चिदंबरम व कपिल सिब्बल को पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए बनाई जाने वाली संसदीय कमेटी में शामिल किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हम सरकार के साथ भारत के पड़ोसी देशों, खासकर अफगानिस्तान के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल पर पूर्व रक्षा मंत्री पवार ने कहा कि भारत की विदेश नीति पड़ोसी देशों, चीन व पाकिस्तान को छोड़कर, अच्छे संबंध रखने की रही है। लेकिन नेपाल, बांग्लादेश व श्रीलंका को लेकर स्थिति बदली है। यह समय है, जब हमें विदेशी नीति की समीक्षा करना चाहिए कि यह पड़ोसी देशों को लेकर कितनी प्रभावी है। पवार ने यह भी कहा कि यह संवेदनशील मसला है। इस पर वह ज्यादा नहीं बोलेंगे। जरूरत पड़ी तो हम सरकार का समर्थन करेंगे, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है।
ओबीसी आरक्षण: एनसीपी प्रमुख बोले- केंद्र कर रहा भ्रमित, ज्यादातर राज्य कर चुके 50 फीसदी की सीमा पार
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