कंगना की विवादित फिल्म इमरजेंसी को लेकर एक बार फिर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। प्रोडक्शन कंपनी जी एंटरटेनमेंट के वकील ने अदालत में कहा कि वे रिवाइजिंग कमेटी द्वारा सुझाए गए बदलावों से सहमत हैं। यानी की फिल्म निर्माता बदलाव करने के लिए सहमत हो गए हैं। वकील ने कहा कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) द्वारा सुझाए गए बदलावों को लागू करने के लिए एक प्रारूप पेश किया है। बता दें, अब सीबीएफसी इस प्रारूप पर अपनी प्रतिक्रिया देगा और अगली सुनवाई तीन अक्तूबर को होगी। गौरतलब है, कंगना रनौत ने इस फिल्म का निर्देशन, सह-निर्माण और अभिनय किया है, जिसमें उन्होंने दिवंगत इंदिरा गांधी की मुख्य भूमिका निभाई है। उन्होंने पहले सेंसर बोर्ड पर फिल्म की रिलीज में देरी करने के लिए प्रमाणन में देरी करने का आरोप लगाया था। पहले यह फिल्म छह सितंबर को रिलीज होने वाली थी। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सेंसर बोर्ड की संशोधन समिति ने फिल्म में 13 कट लगाने का आदेश दिया है और इसे यू/ए सर्टिफिकेट जारी किया। इनमें कथित तौर पर एक अस्वीकरण जोड़ना, कुछ संवाद और दृश्य हटाना और फिल्म में ऐतिहासिक संदर्भों का समर्थन करने के लिए तथ्य प्रदान करना शामिल है।
कंगना ने बताया था अनुचित
इस पर कंगना ने कहा था, ‘हमें कट के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं, प्रतिक्रिया का हमेशा स्वागत है, लेकिन कुछ सुझाव काफी अनुचित लगते हैं। अच्छी बात यह है कि अधिकांश इतिहासकारों और समीक्षा समिति के सदस्यों ने इसे एक नेता के सबसे भरोसेमंद चित्रण के रूप में सराहा है। उन्होंने विशेष रूप से सच्चाई के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की है, जिसमें छोटी से छोटी बात से भी समझौता नहीं किया गया है। उनका समर्थन उत्साहजनक है, यह पुष्टि करते हुए कि हमने कहानी को वैसा ही सम्मान दिया है जैसा वह हकदार है। फिर भी, हम अपनी बात पर कायम रहने और फिल्म की अखंडता की रक्षा करने के लिए तैयार हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करते हैं कि इसका सार बरकरार रहे।’ दरअसल, ‘इमरजेंसी’ तब विवादों में घिर गई है, जब शिरोमणि अकाली दल समेत सिख संगठनों ने इसकी रिलीज पर आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया है कि इसमें समुदाय को गलत तरीके से पेश किया गया है और ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है। फिल्म के सह-निर्माता जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीएफसी को फिल्म के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने की मांग की थी। बीते गुरुवार को सीबीएफसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया था कि अगर फिल्म में कुछ कट लगाए जाते हैं, जैसा कि इसकी संशोधन समिति ने सुझाया है तो फिल्म को सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा। सीबीएफसी के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा था, ‘समिति ने सर्टिफिकेट जारी करने से पहले कुछ कट लगाने का सुझाव दिया है और फिल्म को रिलीज किया जा सकता है।’ फिल्म की टीम ने इस बात पर निर्णय लेने के लिए समय मांगा कि वे कट्स के साथ आगे बढ़ेंगे या नहीं। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को तय की थी। अब आज हुई सुनवाई के दौरान फिल्म निर्माता बदलाव करने के लिए सहमत हो गए हैं।