भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने 2021 सीजन के बाद आरसीबी की कप्तानी छोड़ने पर खुलकर बात की है। उन्होंने बुधवार को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की महिला टीम के सदस्यों के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें कोई विश्वास नहीं था और उनका टैंक पूरी तरह खाली हो चुका था। इसके बाद ही उन्होंने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। आरसीबी के लिए आईपीएल 2019 बेहद खराब रहा था। लगातार छह हार के साथ यह टीम अंक तालिका में सबसे नीचे रही थी। इससे पहले 2017 में भी कोहली की टीम आखिरी पायदान पर रही थी, जबकि 2016 में कोहली अपने दम पर टीम को फाइनल तक ले गए थे, जहां उनकी टीम हैदराबाद से हार गई थी। कोहली ने 2021 सीजन के बाद आरसीबी के कप्तान का पद छोड़ दिया और दक्षिण अफ्रीका के फाफ डु प्लेसिस ने टीम की बागडोर संभाली। इसके बाद आरसीबी का प्रदर्शन बहुत बेहतर रहा है। विराट की टीम भले ही अब तक खिताब न जीत पाई हो, लेकिन प्लेऑफ में पहुंचने में सफल रही है। कोहली ने आरसीबी की महिला टीम से बातचीत के दौरान कहा, “जिस समय मेरी कप्तानी का कार्यकाल यहां समाप्त हो रहा था, मुझे कोई विश्वास नहीं था, बहुत ईमानदार से कहूं तो मेरा टैंक बिल्कुल खाली था। लेकिन वह मेरा अपना नजरिया था, ऐसा मैं सिर्फ एक व्यक्ति कह रहा था कि मैंने बहुत कुछ देखा है, मैं इसे अभी और नहीं कर सकता, इसे अब और नहीं संभाल सकता। लेकिन अगले सीजन में नए लोग आए उनके पास नए विचार थे, एक और अवसर था। वे उत्साहित थे, एक व्यक्ति के रूप में हो सकता है कि मैं उतना उत्साहित नहीं था। लेकिन उन्होंने ऊर्जा बनाई और हम तीन साल तक प्लेऑफ में पहुंचे।” आरसीबी की टीम ने 2020, 2021 और 2022 में आईपीएल के प्लेऑफ में जगह बनाई। इस पर उन्होंने कहा “अब हम हर सीजन की शुरुआत उस उत्साह के साथ करते हैं जो पहले था और मैं अब उत्साहित महसूस करता हूं, जो उस स्तर तक नहीं था। इसलिए यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है, अगर कोई हताश महसूस कर रहा है, तो दूसरे उसका मनोबल बढ़ा सकते हैं।” विराट ने 2021 टी20 विश्व कप के बाद भारत की टी20 टीम की कप्तानी छोड़ दी थी। इसके साथ ही उन्होंने आरसीबी की कप्तानी भी छोड़ दी। कुछ समय बाद उनसे वनडे की कप्तानी छीन ली गई और अगले ही महीने उन्होंने टेस्ट टीम की कमान छोड़ दी। 34 वर्षीय कोहली ने कहा कि उनके करियर में ऐसे दौर आए जब उन्होंने असुरक्षित महसूस किया और अपनी प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा “… मुझे लगातार लोगों से याद दिलाए जाने की जरूरत थी, युवा खिलाड़ियों से भी, क्योंकि उनके पास नया नजरिया है। मैं दबाव में था, क्योंकि मैं इतने लंबे समय तक खेला हूं, मैं असुरक्षित रहा हूं, मैंने मेरी प्रतिष्ठा के अनुसार अपने प्रदर्शन की कोशिश की, जैसे ‘ओह’ मैं विराट कोहली हूं, मुझे हर मैच में अच्छा प्रदर्शन करना है। मैं आउट होने का जोखिम नहीं उठा सकता।” “लेकिन ये युवा आते हैं और मुझसे कहते हैं, ‘तुमने गेंद को हिट क्यों नहीं किया?’ और मैं ऐसा था, ‘वह सही है’। मैं इसके बारे में सोच भी नहीं सकता था क्योंकि मैं अपने आप और मुझे क्या करना चाहिए और लोग मुझे कैसे देख रहे हैं। इन सब बातों में इतना फंस गया था कि खेल खेलने का तरीका भूल गया था।” कोहली ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट में शानदार 186 रनों की पारी खेली, जिससे उनका 28वां टेस्ट शतक पूरा करने का तीन साल का इंतजार खत्म हुआ। अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके 75 शतक हो चुके हैं।
कप्तानी छोड़ने के फैसले पर बोले कोहली- मुझे खुद पर यकीन नहीं था, मेरा टैंक खाली हो चुका था
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