आईपीएल 2022 का फाइनल मुकाबला गुजरात टाइटंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला जाएगा। गुजरात की टीम पहली बार टूर्नामेंट में खेल रही है और उसकी नजर पहले खिताब पर है। दूसरी ओर, राजस्थान की टीम 14 साल बाद खिताबी मुकाबले में खेलेगी। उसकी नजर दूसरी बार चैंपियन बनने पर है। पहले क्वालीफायर में राजस्थान को हराकर गुजरात फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बनी थी। टूर्नामेंट की शुरुआत में गुजरात को कमजोर आंका गया था, लेकिन पहले मैच ही यह टीम चैंपियन की तरह खेली और अब खिताब जीतने से सिर्फ एक कदम दूर है। गुजरात से पहले सिर्फ राजस्थान और चेन्नई ही ऐसी टीमें थी, जो अपने पहले सीजन में फाइनल तक का सफर तय कर पाई थीं।
साल 2008 में आईपीएल का पहला सीजन खेला गया था और इस सीजन का फाइनल मैच राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच हुआ था। यह आईपीएल का पहला सीजन था। इस वजह से सभी टीमें पहली बार ही टूर्नामेंट का हिस्सा बनी थीं। इसके बाद सात टीमें आईपीएल का हिस्सा बनी, लेकिन गुजरात के अलावा कोई भी टीम अपने पहले सीजन में खिताब अपने नाम नहीं कर पाई। इस सीजन गुजरात की टीम पहले मैच से ही चैंपियन की तरह खेली और पूरे टूर्नामेंट में हार्दिक की टीम का दबदबा रहा। यहां हम गुजरात के दबदबे की 10 वजह बता रहे हैं।
हार्दिक पांड्या को जब टीम की कमान सौंपी गई थी तो किसी ने यह नहीं कहा था कि हार्दिक कप्तान के रूप में सुपरहिट होने वाले हैं, लेकिन कप्तानी की जिम्मेदारी मिलते ही हार्दिक पूरी तरह से बदल गए। छठे या सातवें नंबर पर आकर ताबड़तोड़ अंदाज में रन बनाने वाला बल्लेबाज अब तीसरे या चौथे नंबर खेलने लगा और जिम्मेदारी के साथ लगातार लंबी पारियां खेली। शुरुआती विकेट गिरने पर टीम को संभाला। हार्दिक ने इस सीजन 450 से ज्यादा रन बनाए उनका औसत भी 45 के करीब रहा। गेंद के साथ भी उन्होंने अहम मौकों पर विकेट निकाले और साझेदारियां तोड़ी।
कप्तान के रूप में उनके फैसले सही साबित हुए। टीम चयन से लेकर डीआएस और गेंदबाजों को सही तरीके से चलाने तक हर मामले में हार्दिक सुपरहिट रहे। इस सीजन गुजरात के लिए हर मुकाबले में नए खिलाड़ी ने जिम्मेदारी ली और अपनी टीम को जीत दिलाई। कभी राहुल तेवतिया तो कभी राशिद खान और डेविड मिलर ने मैच खत्म किया। गिल और साहा ने भी मैच जिताऊ पारियां खेली। हार्दिक ने लगातार रन बनाए। साई सुदर्शन, यश दयाल, मोहम्मद शमी और लोकी फर्ग्यूसन ने भी अपने दम पर मैच जिताए। टूर्नामेंट शुरु होने से पहले ही गुजरात की गेंदबाजी को मजबूत माना जा रहा था और पूरे सीजन दिखा भी ऐसा ही। अधिकतर मैचों में शमी की अगुवाई में गुजरात के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। राशिद खान और फर्ग्यूसन भी सुपरहिट रहे। यश दयाल और अल्जारी जोसेफ ने भी अहम मौकों पर विकेट दिलाए। अधिकतर मैचों में गुजरात ने विपक्षी
टीम को शुरुआती झटके दिए और बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया। इसके बाद बल्लेबाजों ने आसानी से छोटे लक्ष्य का पीछा कर लिया। गुजरात की टीम में टी20 के बहुत बड़े नाम नहीं थे, लेकिन हर खिलाड़ी ने अपना काम बखूबी किया। तेवतिया ने बहुत बड़ी पारियां नहीं खेली, लेकिन शानदार अंदाज में मैच खत्म किए। आखिरी गेंद में छक्का लगाकर मैच जिताया फिर राशिद ने आखिरी दो गेंदों में छक्का लगाकर मैच जिताया। मिलर ने अपने दम पर दो मैच जिताए। हार्दिक ने पारी को संभाला। गिल का बल्ला चला तो उन्होंने लंबी पारियां खेली। साहा बेहतरीन बल्लेबाजी की और गेंदबाजों ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। यह टीम किसी एक या दो खिलाड़ियों के भरोसे नहीं थी। सभी साथ मिलकर अच्छा खेले। शुरुआती मैचों में गुजरात के गेंदबाजों ने जमकर कहर बरपाया। पावरप्ले में विकेट निकाले, अंत के ओवरों में रन नहीं दिए। बीच के ओवरों में साझेदारियां नहीं होने दी और विपक्षी टीम को छोटे स्कोर का पीछा नहीं करने दिया। टूर्नामेंट की शुरुआत में जब हर टीम के लिए लक्ष्य का बचाव करना असंभव लग रहा था, तब गुजरात ने अपने दूसरे ही मैच में लक्ष्य का बचाव किया। इसके बाद भी गुजरात के गेंदबाज लगातार कमाल करते रहे और अपनी टीम को जीत दिलाई। आईपीएल 2022 मेगा ऑक्शन में कोई भी टीम मिलर को खरीदने के लिए तैयार नहीं थी। पहले दिन उन पर किसी ने बोली भी नहीं लगाई। इसके बाद दूसरे दिन गुजरात टाइटंस ने उन्हें तीन करोड़ में खरीदा। मिलर इस साल शानदार फॉर्म में रहे और गुजरात के लिए 400 से ज्यादा रन बनाए। दो बार उन्होंने अपने दम पर मैच जिताया। पहले चेन्नई के खिलाफ नाबाद 94 रन बनाए फिर पहले क्वालीफायर में राजस्थान के खिलाफ 38 गेंद में 68 रन बनाकर अपनी टीम को जीत दिला दी। आईपीएल 2022 मेगा ऑक्शन में गुजरात की सबसे बड़ी गलती यही थी कि टीम ने शुरुआत में कोई विकेटकीपर नहीं खरीदा था। दूसरे दिन नीलामी खत्म होने से पहले गुजरात ने मैथ्यू वेड और ऋद्धिमान साहा को अपने साथ जोड़ा। शुरुआत में वेड को मौका दिया गया, लेकिन उनके फ्लॉप होने पर ऋद्धिमान साहा को मौका दिया गया। साहा ने मौके का भरपूर फायदा उठाया और लगातार टीम को अच्छी शुरुआत दी। मुश्किल पिचों पर उन्होंने मैच जिताऊ पारियां खेली। साहा की बल्लेबाजी गुजरात के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई। बाजी की।
मैच को अंत तक ले गए और आखिरी ओवर में मैच खत्म किया। एक मैच में आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर जीत दिलाई। उन्होंने गुजरात को कई अहम अंक दिलाए।
टीम को जीत दिलाई। पहले चेन्नई के खिलाफ 21 गेंद में 40 रन की तूफानी पारी खेली फिर हैदराबाद के खिलाफ 11 गेंद में 31 रन ठोंक दिए। इस मैच में उन्होंने आखिरी दो गेंदों में दो छक्के लगाकर गुजरात को मैच जिताया। आशीष नेहरा आरसीबी के लिए दो सीजन गेंदबाजी कोच रह चुके थे। इसके बाद उन्होंने कोचिंग छोड़ दी और तय किया कि हेड कोच की भूमिका में नए सिरे से टीम तैयार करके ही मैच जीतेंगे। गुजरात ने उन्हें यह रोल दिया और नेहरा जी अब तक इसमें खरे उतरे हैं। उनके पास बाकी कोच की तरह लैपटॉप नहीं दिखाई देता, वो कागज पेन पर ही जरूरी चीजें लिखते हैं और अब तक उनकी रणनीति सुपरहिट रही है। आशीष नेहरा ने अपनी टीम गेंदबाजी पर ध्यान दिया था और अब उनकी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में अपना दबदबा दिखाया है।
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