कर्नाटक सरकार ने अपना एक विवादास्पद निर्देश वापस लेने की घोषणा की है। सरकार की ओर से एक परिपत्र जारी कर राज्य के विभागों को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कारोबार करने से परहेज करने का निर्देश दिया गया था। अब सरकार ने यह निर्देश वापस ले लिया है। इससे पहले कर्नाटक सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में कोई भी सरकारी धन जमा न करने का फैसला लिया था। राज्य के वित्त विभाग ने सभी सरकारी विभागों, उद्यमों, बोर्ड और निगम को इन बैंकों में संचालित खातों को बंद करने और जमा राशि को निकालने के निर्देश दिए थे।
दरअसल कर्नाटक के विभिन्न बोर्ड और निगम के सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप एसबीआई और पीएनबी पर लगा था। सरकार के अनुसार कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड ने नवंबर 2012 में पीएनबी की राजाजी नगर शाखा में 25 करोड़ रुपये जमा किए थे। जमा अवधि की परिपक्वता के बाद बैंक ने केवल 13 करोड़ रुपये वापस किए। जबकि 12 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया गया। इसी तरह 2013 में कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में 10 करोड़ रुपये जमा किए थे। आरोप है कि बैंक ने सारी रकम को एक ऋण में समायोजित कर दिया और जमा राशि वापस करने से मना कर दिया। दोनों मामले अदालत में लंबित हैं। इसे लेकर सरकार के वित्त विभाग ने पिछले महीने निर्देश जारी किए थे। निर्देशों में कहा गया है कि सभी विभाग इन बैंकों में संचालित खातों को बंद करें और जमा राशि को वापस लें। कर्नाटक के वित्त विभाग के सचिव ने जारी आदेश में कहा है कि इन बैंकों में किसी नई राशि का निवेश न किया जाए। वित्त विभाग ने सभी विभागों से खातों को बंद करने और जमा राशि निकालने का विवरण सरकार को देने के निर्देश दिए थे। हालांकि, अब यह निर्देश वापस ले लिया गया है।
कर्नाटक सरकार का यू-टर्न, एसबीआई व पीएनबी के साथ संबंधों में परहेज से जुड़ा निर्देश वापस लिया
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