कांग्रेस ने गुरुवार को सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया और उन्हें हटाने व अदाणी मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग की। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, पंजाब, गुजरात और कई अन्य राज्यों में कांग्रेस की स्थानीय इकाइयों ने धरना-प्रदर्शन किया। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया है कि अदाणी के कथित धन गबन कांड में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में सेबी प्रमुख और उनके पति की हिस्सेदारी है।
जंतर-मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन में दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव, वरिष्ठ नेता सचिन पायलट, कन्हैया कुमार और उदित राज सहित अन्य नेता शामिल हुए। पायलट ने कहा कि कांग्रेस इस मामले की पारदर्शी जांच चाहती है। उन्होंने कहा, “अगर आपने कुछ गलत नहीं किया है, तो आप जेपीसी क्यों नहीं बना रहे हैं? पूरे देश को यह सुनना चाहिए और समझना चाहिए कि कांग्रेस केवल जेपीसी के जरिए निष्पक्ष और पारदर्शी जांच चाहती है।” तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने मांग की कि बीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव सेबी प्रमुख बुच के इस्तीफे और इस मामले में जेपीसी बनाने के मसले पर अपना रुख स्पष्ट करें। तेलंगाना कांग्रेस के प्रमुख रेड्डी ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और पार्टी विधायकों के साथ हैदराबाद में एक धरने में हिस्सा लिया और सेबी प्रमुख के इस्तीफे और कथित अदाणी वित्तीय धोखाधड़ी की जेपीसी जांच की मांग की।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में क्या थे आरोप?
अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल में अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि सेबी की प्रमुख बुच और उनके पति की अदाणी समूह से जुड़ी कथित अनियमितताओं में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ‘विदेशी फंड’ में हिस्सेदारी थी। सेबी प्रमुख बुच और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया था। दिल्ली में जंतर-मंतर पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव, वरिष्ठ नेता सचिन पायलट, कन्हैया कुमार और उदित राज सहित अन्य लोग शामिल हुए। देवेंद्र यादव ने कहा कि जिस तरह से घोटाले का खुलासा हुआ है, उसे देखते हुए सेबी प्रमुख को इस्तीफा देना चाहिए या फिर उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।