वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, मैं चाहती हूं कि टैक्स की दरें लगभग शून्य हो जाएं, लेकिन देश के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। इनसे निपटना जरूरी है। शोध और विकास के लिए धन जुटाना जरूरी है। उन्होंने कहा, एक वित्त मंत्री के रूप में हमारा काम सरकार के लिए राजस्व जुटाना है, न कि लोगों को परेशान करना। वित्त मंत्री ने कहा, देश को चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधनों की जरूरत है। शोध व विकास पर और ज्यादा खर्च करने की जरूरत है। भोपाल में एक कार्यक्रम में उन्होंने ऊर्जा बदलाव के संदर्भ में कहा, भारत को अपना वादा पूरा करने के लिए खुद का पैसा खर्च करना पड़ रहा है, क्योंकि वैश्विक समुदाय से अभी तक फंड नहीं मिला है। भारत ने इसका इंतजार भी नहीं किया और वह अपने भरोसे जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है। भारत ने पेरिस समझौते में किए गए वादों को अपने पैसे से पूरा किया है। वित्त मंत्री ने कहा, सरकार ने वैज्ञानिक अनुसंधान में भारी निवेश किया है। उन्होंने अंतरिम बजट में घोषित ‘अनुसंधान कोष’ का जिक्र कर कहा, इसे नए और तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में निवेश के लिए बनाया गया है।
‘नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण के लिए विकसित करें बैटरी’
सीतारमण ने वैज्ञानिकों से नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण के लिए बैटरी विकसित करने की भी अपील की, क्योंकि जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा में परिवर्तन टिकाऊ होना चाहिए। सरकार सिर्फ बात नहीं कर रही है। अनुसंधान एवं विकास में पैसा लगा रही है। यह पैसा कराधान से आता है। यह मेरा काम है। मेरा काम राजस्व उत्पन्न करना है लेकिन लोगों को परेशान करना नहीं है।
‘काश! मैं टैक्स शून्य कर पाती’, वित्त मंत्री बोलीं- हमारा काम राजस्व जुटाना, लोगों को परेशान करना नहीं
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