दिल्ली में चुनाव की गर्मी चरम पर है। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से अलग जाने की घोषणा कर दी है। वरिष्ठ नेता अजय माकन और संदीप दीक्षित के तीखे बोल ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को आईना दिखाना शुरू कर दिया है। वहीं अब आप के नेता कांग्रेस को भाजपा की बी टीम बताने लगे हैं। जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि कांग्रेस और आप में एक वर्ग विशेष का वोट पाने के लिए होड़ लग गई है। भाजपा नेता अरुण शुक्ला कहते हैं कि कांग्रेस और आप का कोई मेल न तो था और न है। 15 साल दिल्ली को शीला दीक्षित की सरकार ने पलीता लगाया। 2013 से आप की सरकार दिल्ली में साफ पानी, सड़क, विकास पर कुंडली मारकर बैठी है। शुक्ला कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में दोनों दल साथ थे। खाता नहीं खुला। अब दोनों दो बिल्ली की लड़ाई दिखा रहे हैं। दिल्ली में शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि संदीप दीक्षित, अजम माकन ने पार्टी का रुख बताया है। अभी उनके बोलने का समय नहीं आया है, लेकिन समझने वाली बात है कि दिल्ली में केजरीवाल और उनकी पार्टी के भले के लिए कांग्रेस अपने ही हाथों, अपना हाथ तो नहीं कटवा देगी? दिल्ली की जनता जानती है कि राजधानी का विकास पूर्व मुख्यमंत्री सीला दीक्षित के कार्यकाल में हुआ है। केजरीवाल ने झूठे सपने दिखाकर दिल्ली की जनता की आंख में धूल झोंकी। भाजपा की असलियत बताने की जरूरत नहीं है। अब इसका हिसाब लेने का समय आ गया है। सूत्र का कहना है कि कांग्रेसी चुनाव नहीं लड़ेंगे तो अपनी पार्टी को दिल्ली में खड़ा कैसे करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम का कहना है कि इस बार हो चाहे जो, लेकिन केजरीवाल के झूठ का गुब्बारा फूटेगा। दिल्ली की जनता उनके दिन में तारे दिखाने की कला से तंग आ चुकी है। अब आइए आम आदमी पार्टी की तरफ चलते हैं। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह बड़े फायरी नेता हैं। आक्रामक अंदाज में आईना दिखाते हैं। आज ही भाजपा के प्रवेश वर्मा और मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ महिलाओं को नकद राशि बांटने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत करके लौटे हैं। अब साफ कह रहे हैं कि वह इंडिया गठबंधन के नेताओं से कांग्रेस को बाहर करने की मांग करेंगे। जबकि संजय सिंह जानते हैं कि लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस ही विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी और दोनों सदनों में उसके नेता प्रतिपक्ष हैं। संजय सिंह तो यहां तक कहते हैं कि कांग्रेस की सूची ही भाजपा ने तैयार की है।
क्या यह वारगेम फिक्स है?
भाजपा के रणनीतिकार अभी इसका आकलन करने में लगे हैं। कांग्रेस में दो मत है। एक मत उन नेताओं का है जो आप से गठबंधन के पक्षधर हैं। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने पहले ही गठबंधन की संभावना को खारिज किया है। कांग्रेस दूसरा एक धड़ा है जो भविष्य की कांग्रेस बनाना चाहता है। वह राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी की राजनीतिक शैली में अब संभावनाएं देख रहा है। उसे लग रहा है कि अब दिल्ली में पार्टी को खड़ा करने में पूरा जोर लगाया जाना चाहिए। यह नेता कहते हैं कि कांग्रेस के हितों की बलि नहीं दी जा सकती। दिल्ली के पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी इसी सोच के हैं। सबके बावजूद कांग्रेस के वर्ग को गठबंधन की उम्मीद है। उन्हें सपा के अखिलेश, राजद के तेजस्वी से भी कुछ उम्मीद है। अब आम आदमी पार्टी की तरफ चलिए। पटपड़गंज विधानसभा के कांग्रेस के एक नेता अब आम आम आदमी पार्टी में हैं। वह कहते हैं कि मनीष सिसोदिया जंगपुरा से लड़ेंगे। ऐसे में कांग्रेस और आप की तकरार का भाजपा को फायदा मिलेगा।