अपने देश में महिला कॉमेडियन की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है। लेकिन जितनी भी हैं उनमें छोटे पर्दे पर भारती सिंह क्वीन है, इसमें कोई दो राय नहीं। कलर्स चैनल पर भारती अपने पति हर्ष लिंबाचिया के साथ शो ‘खतरा खतरा’ के साथ ही ‘हुनरबाज’ होस्ट कर रही हैं। थोड़े दिनों पहले भारती मां बनी हैं। मां बनने के बावजूद जब वे सेट पर उपस्थित होती हैं, अपने काम को सही तरीके से अंजाम देती हैं। पेश है, भारती सिंह से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
मां बनने के बाद सेट पर जल्द ही लौट आने की क्या वजह रही?
मेरी प्रेग्नेंसी के दौरान ही मेरे शोज ऑन एअर जा चुके थे। टीवी, नाटक, फिल्म का काम लगातार चलता रहता है इसीलिए ये कहावत है कि शो मस्ट गो ऑन! डिलिवरी के पश्चात काफी समय तक मैं घर पर ही रही लेकिन हर्ष और अपने बेटे के साथ मैं सेट पर जाने लगी। ब्रेक टाइम के दौरान मैं अपने बेटे का ध्यान रख सकती हूं।
इतने छोटे बच्चे को अपने साथ ले जाना आसान तो नहीं है?
चैलेंजेस तो हैं लेकिन अन्य कामकाजी महिलाओं की तुलना मेरे चैलेंजेस कुछ भी नहीं। चैनल और शो से जुड़े लोगों के साथ मेरी बहुत अच्छी अंडरस्टैंडिंग है। इस शो के कारण मेरे पति हर्ष मेरे साथ ही होते हैं। बच्चे की जिम्मेदारी हम दोनों की है और हर्ष अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। मैं उन तमाम महिलाओं को सैल्यूट करती हूं, जो अपने नन्हे-मुन्नों को घर छोड़कर दफ्तर जाती हैं। जब कभी बच्चे को घर छोड़कर आती हूं, तब कैमरे के जरिए वो मुझे चौबीस घंटे दिखता रहता है। मैं दोनों तरीके से काम कर रही हूं।
क्या इस डबल ड्यूटी से आपको तनाव महसूस होता है?
अपने काम के प्रति मैं कमिटेड हूं। जो लोग प्रोफेशनल होते हैं, वे काम को भगवान मानते हैं। मैं मां हूं लेकिन अपने काम को भी तवज्जो देती हूं। घर पर बच्चे के नाना-नानी भी हैं और जब बच्चा घर पर होता है, वे उसका पूरा ध्यान रखते हैं। एक मां को और क्या चाहिए?
क्या आपको नेगेटिव कमेंट्स सुनने को मिले हैं?
अच्छा काम करो तो मुसीबत, गलती से बुरा काम हुआ तब भी लोग बोलेंगे। लोग कहते हैं कि इतनी भी पैसों की क्या जरूरत है, जो मैं शूटिंग करने के लिए इतने समझौते कर रही हूं? लेकिन भलाई इसी में है कि लोगों की पॉजिटिव बातें सुनें और नेगेटिव बातों को नजरअंदाज करें। आपने सड़क पर कितनी ही गर्भवती महिलाओं को सामान बेचते हुए देखा होगा। इन महिलाओं की कितनी ही मजबूरियां होती हैं। क्या इन गरीब महिलाओं को कोई यह कह सकता है, अभी-अभी जन्मे बच्चे को अपनी पीठ पर बांधे वे सड़कों पर क्यों घूमती हैं?
प्रेग्नेंसी के दौरान मूड्स काफी स्विंग्स होते हैं, आपने इस प्रेशर को कैसे हैंडल किया?
मेरे मूड्स को हर्ष ने बखूबी संभाला। प्रेग्नेसी की खुशखबरी हमने ४ महीनों तक किसी को भी नहीं बताई। हर्ष मेरे लिए कभी मां बने, तो कभी दोस्त, तो कभी सहेली। मेरे सारे नखरे उन्होंने उठाएं। मैं हर्ष की शुक्रगुजार हूं।
मां बनने के बाद आप खुद में क्या बदलाव महसूस करती हैं?
यह जनरेशन २४ घंटे सोशल मीडिया पर लगी रहती है, यह कहना गलत नहीं होगा। लेकिन मां बनने के बाद मेरा ज्यादातर समय अपने बेटे की परवरिश में चला जाता है और मैं सोशल मीडिया पर अब एक्टिव नहीं रहती। एक मां को सोते-जागते अपने बच्चे के सिवा कुछ और नजर नहीं आता।
कॉमेडी करने को आप कितना एन्जॉय करती हैं?
कॉमेडी करना शायद मेरे खून में है। मैं इसे शुरू से एन्जॉय करती आई हूं। अधिकतर पंच मैं स्पॉन्टेनियसली मारती हूं। मेरे पंच मुझे तरो-ताजगी से भर देते हैं।
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