भिवंडी। एम हुसेन। कोरोना महामारी संकट काल में सरकार द्वारा लाॅकडाउन लागू किया गया है जिसकारण सभी उद्योग धंधे पूर्ण रूप से बंद हैं परिणामस्वरूप गरीबों, मजदूरों सहित आम जनता की आर्थिक स्थिति दयनीय होती जा रही है जो एक गंभीर समस्या बनी हुई। उल्लेखनीय है कि बिजली बिल की समस्या का समाधान के लिए पूर्व 13 जुलाई को महाराष्ट्र स्टेट पावरलूम फेडरेशन द्वारा राज्य व्यापी आंदोलन किया गया था जिसमें बिजली बिल की होली जलाई गई थी और सरकार को इस संदर्भ में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था, परंतु राज्य सरकार द्वारा प्रतिसाद अत्यंत निराशाजनक है ।जिसपर सरकार ने जनता के प्रति कोई ठोस निर्णय नहीं लेते हुए केवल केवल 20 से 30 प्रतिशत ही छूट देने की सरकार द्वारा घोषणा की गई जो जनता की क्रूर चेष्टा करने वाली और उनके जख्मो पर नमक छिड़कने जैसा ही साबित हुआ है इस प्रकार की सुविधा हमें स्वीकार नहीं है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा पूर्व माह मार्च से लाॅकडाउन लागू किया गया है जिसे अब 31 अगस्त तक के लिए सीमा समय बढा दिया गया है। जिसकारण गरीब, मजदूर, कनिष्ठ मध्यमवर्गीय, छोटे, बड़े व्यावसायी, व्यापारी व दुकानदारों आदि की स्थिति दयनीय हो गई है। जिसकारण नियमित रूप से 3 महीने से बिजली बिल निरंतर आ रही और उसके भुगतान के लिए भी बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनियों द्वारा तकाजा किए जाने के कारण जनता असंतोष निर्माण हुआ है । इसी प्रकार लाॅकडाउन के दौरान सरकार द्वारा आम जनता की सहायता के लिए खाद्य सामग्री व स्वस्थ्य के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किसी प्रकार की कोई सहायता उपलब्ध नहीं की गई है,जबकि देश के अन्य राज्यों की सरकारों ने राज्य स्तर पर निर्णय लेकर आम जनता को काफी हद तक सहायता सुविधा उपलब्ध कराई है परंतु अति पिछड़े वर्ग के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अद्यापि एक पैसे की सहायता जनता के लिए नहीं की है ।इस संकट की घड़ी में 3 महीने से घर में बैठने के कारण काम धंधा नहीं होने के कारण सभी की आर्थिक परिस्थिति दयनीय हो गई है।जिसकारण अधिकांश लोगों के सामने भुखमरी का संकट बना हुआ है इसलिए वह किराया का भी भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं तथा बिजली बिल का भुगतान करने की स्थिति में भी नहीं परिणाम स्वरूप राज्य में आत्महत्या करने के मामले भी प्रकाशमें आ रहे हैं। उक्त परिस्थति के बावजूद महावितरण कंपनी, बेस्ट, अदानी पावर,टोरेंट पावर कंपनी आदि निजी कंपनियों द्वारा पूर्व 3 महीनों की तथा इस माह इस प्रकार कुल 4 माह की बिजली बिल का भुगतान करने के लिए बिजली बिल भेज रहे हैं जिसका भुगतान करने के लिए तकाजा कंपनी द्वारा किया जा रहा है। जिसकारण सभी बिजली उपभोक्ताओं में प्रचंड असंतोष निर्माण हुआ है। इसलिए प्रति माह 300 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वाले राज्य के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की बिजली बिल पूर्व 3 महीने की पूरी बिजली बिल माफ की जाये तथा इस संदर्भ में आवश्यकतानुसार उक्त रकम की भरपाई राज्य सरकार द्वारा महावितरण व संबंधित निजी बिजली कंपनी को अनुदान स्वरूप दी जाये ।इस प्रकार की मांग महाराष्ट्र स्टेट पावरलूम फेडरेशन के एक शिष्टमंडल द्वारा प्रांताधिकारी डॉ मोहन नलदकर को ज्ञापन प्रस्तुत कर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे , ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत तथा वित्त मंत्री अजीत दादा पवार से की गई है ।उक्त शिष्टमंडल में अध्यक्ष फैजान आज़मी, महासचिव एड यासीन मोमिन, इंजीनियर जलाल अंसारी, मलिक मोमिन, शहादत अंसारी आदि उपस्थित थे।
कोरोना महामारी संकट के समय को ध्यान में रखते हुए 3 महीने की घरेलू बिजली बिल माफ करने के लिए महाराष्ट्र स्टेट पावरलूम फेडरेशन ने की मुख्यमंत्री से मांग
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