महाराष्ट्र में सरकार ने नासिक और रायगढ़ जिलों में प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति पर फिलहाल रोक लगा दी है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही सरकार ने नासिक और रायगढ़ के प्रभारी मंत्रियों के नाम का एलान किया था। हालांकि ऐसा लग रहा है कि महायुति गठबंधन में इसे लेकर एकमत नहीं है, तभी नियुक्ति को रोकने का आदेश जारी हो गया है। महाराष्ट्र सरकार के प्रशासन विभाग ने यह आदेश रविवार को जारी किया है। महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को 36 जिलों के प्रभारी मंत्री नियुक्ति किए थे। इनमें एनसीपी की अदिति तटकरे को रायगढ़ और भाजपा नेता गिरीश महाजन को नासिक का प्रभारी मंत्री बनाया गया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए विश्व आर्थिक मंच के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दावोस दौरे पर गए हुए हैं। हालांकि वहीं से ही मुख्यमंत्री ने दखल दिया और सामान्य प्रशासन विभाग को नासिक और रायगढ़ जिलों के प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति रोकने का आदेश दिया।
ये नेता भी थे दावेदार
किसी भी जिले के प्रभारी मंत्री जिले में विकास के लिए फंड आवंटित करने और विभिन्न विकास कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं। रायगढ़ में जल्द ही नए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण होना है, साथ ही कई आवासीय योजनाएं भी प्रस्तावित हैं। ऐसे में रायगढ़ अहम जिला हो जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिवसेना नेता और राज्य सरकार के मंत्री भारत गोगावाले भी रायगढ़ का प्रभारी मंत्री बनने के दावेदार थे। वहीं नासिक में भी शिवसेना नेता और मंत्री दादा भुसे भी नासिक का प्रभारी मंत्री बनन चाहते थे। हालांकि सीएम फडणवीस के करीबी माने जाने वाले गिरीश महाजन को यह जिम्मेदारी मिली। अब दोनों की नियुक्ति रोकने के आदेश से अनुमान लगाया जा रहा है कि इसे लेकर गठबंधन की पार्टियां एकमत नहीं हैं।
क्या महायुति में सबकुछ ठीक नहीं? नासिक-रायगढ़ के प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति पर रोक से उठे सवाल
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