महाराष्ट्र में विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने रविवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सत्तारूढ़ दल के अन्य नेताओं पर अपने संवैधानिक कर्तव्य को भूलकर अयोध्या के दौरे पर जाने का आरोप लगाया, खासकर ऐसे समय में जब राज्य में किसान खराब मौसम के कारण फसलों के नुकसान से जूझ रहे थे। एमवीए के सहयोगियों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि भगवान राम महाराष्ट्र के लोगों को अधर में छोड़ने के लिए मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को माफ नहीं करेंगे। शिंदे राम मंदिर में भगवान राम के दर्शन करने के लिए एक दिवसीय यात्रा पर रविवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या पहुंचे हैं। पिछले साल जून में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद यह उनकी पहली अयोध्या यात्रा है। उनके साथ हजारों समर्थक और डिप्टी सीएम फडणवीस भी थे। शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए राकांपा प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण महाराष्ट्र के कई हिस्सों में कृषि उपज को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि अंगूर, काजू, संतरा, केले, आम जैसे फलों को नुकसान पहुंचा है और इससे किसान परेशान हैं। तापसे ने कहा कि महाराष्ट्र के किसान तबाह हो गए हैं और मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, अन्य मंत्री, विधायक और उनकी पार्टियों के कार्यकर्ता अयोध्या गए हैं। उन्होंने परेशान किसानों को पीछे छोड़ दिया है उनका कोई सहारा नहीं है। राकांपा नेता ने दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे भगवान राम का उदाहरण देते हैं लेकिन वे प्रकृति के प्रकोप से प्रभावित लोगों के साथ खड़े होने के अपने कर्तव्य को भूलकर विशुद्ध रूप से राजनीतिक कारणों से अयोध्या गए हैं। वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे ने कहा कि भगवान राम मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को अयोध्या दौरे का ‘आयोजन’ करने के लिए कभी माफ नहीं करेंगे, ऐसे में जब राज्य में किसान बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गंभीर स्थिति में हैं। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी कहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के किसानों को अधर में छोड़ दिया है और उसके नेता ‘धार्मिक पर्यटन’ पर हैं।
खराब मौसम की मार झेल रहे किसानों को अधर में छोड़ ‘धार्मिक पर्यटन’ पर शिंदे-फडणवीस, विपक्ष ने घेरा
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