पंजाब किंग्स के बल्लेबाज आशुतोष शर्मा ने अपने क्रिकेट जीवन के सबसे कठिन दौर का खुलासा करते हुए कहा कि एक समय था जब उनके पास खाना खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। 25 साल के क्रिकेटर ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ 17 गेंदों में 31 रन की उपयोगी पारी खेलकर पंजाब की टीम की जीत में अहम योगदान दिया था। वह घरेलू क्रिकेट में रेलवे के लिए खेलते हैं। मध्य प्रदेश के रतलाम में जन्मे आशुतोष ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह समय बहुत कठिन था क्योंकि मुझे इंदौर में घर से दूर रहना पड़ा। मेरे पास खाना खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए मैं एक समय का भोजन सुनिश्चित करने के लिए अंपायरिंग करता था। मैं छोटे से आवास में रहता था, लेकिन एमपीसीए अकादमी ने मेरी बहुत मदद की। वहीं, आशुतोष की मां हेमलता शर्मा ने कहा कि आशुतोष के पिता (रामबाबू शर्मा) रतलाम के ईएसआई अस्पताल में काम करते हैं। हमने वित्तीय संघर्ष नहीं किया, लेकिन छोटी उम्र से ही आशुतोष का अपना संघर्ष रहा था। जब वह रेलवे में शामिल हुआ तो उसके सितारे चमक उठे।
चंद्रकांत पंडित संग विवाद पर बोले बल्लेबाज
आशुतोष ने किसी कोच का नाम लिए बिना कहा कि मैं जिम जाता था और अपने होटल के कमरे में चला जाता था। मैं अवसाद में डूब रहा था और किसी ने मुझे नहीं बताया कि मेरी गलती क्या थी। मध्य प्रदेश की टीम में एक नया कोच शामिल हुआ और उसकी पसंद और नापसंद बहुत मजबूत थी। ट्रायल मैच में मैंने 45 गेंदों में 90 रन बनाए थे और इसके बावजूद मुझे मध्य प्रदेश टीम से बाहर कर दिया गया। उन्होंने उस समय मध्य प्रदेश के कोच चंद्रकांत पंडित का जिक्र नहीं किया, लेकिन यह स्पष्ट है कि उनका इशारा पंडित की तरफ था।
‘खाना खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे’, संघर्ष के दिनों को याद कर भावुक हुए आशुतोष, किया बड़ा खुलासा
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