जलगांव
हिंदुत्व खतरे में है, ऐसा ड्रामा करते हुए ४० लोगों ने बेईमानी की। लेकिन यह गद्दारी मंत्री पद के टुकड़े के लिए थी, यह अब साफ हो गया है। जनता की, किसानों और गरीबों की सरकार गिराकर गद्दारों को क्या मिला? उन्हें मिला बाबाजी का ठुल्लू! ऐसे शब्दों में शिवसेना नेता तथा युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने गद्दारों की धज्जियां उड़ाई। कामचलाऊ मुख्यमंत्री ने ५० थर लगाने की बातें कहीं, लेकिन उन्होंने ५० खोके लगाए थे। इस तरह का हमला भी उन्होंने किया। शिवसेना नेता और युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे की ‘शिव संवाद’ यात्रा का काफिला शनिवार को खानदेश की राजधानी जलगांव में दाखिल हुआ। एयरपोर्ट से आदित्य ठाकरे का काफिला पाचोरा की तरफ निकला। उस समय सड़क के दोनों तरफ जनता ने उनका पूरे जोश के साथ स्वागत किया। पाचोरा स्थित सार्वजनिक सभा में बोलते हुए आदित्य ठाकरे ने गद्दार विधायकों पर जोरदार प्रहार किया। उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने ऐसे कौन से फैसले लिए जो जनहित में नहीं थे? ऐसा प्रश्न पूछते हुए, ‘उन्होंने गद्दारी की तो क्यों की’, यह सवाल भी उठाया। गद्दारी की तो वह सिर्फ और सिर्फ मंत्री पद के लिए ही। लेकिन वहां भी उनके पैरों पर कद्दू ही गिरा, उन्हें मिला बाबाजी का ठुल्लू! इस दौरान आदित्य ठाकरे ने विश्वास व्यक्त किया कि लोकतंत्र को कुचलने वाली यह अवैध, असंवैधानिक सरकार गिर जाएगी।
गद्दारों को मलाई…
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ५० थर की हंडी फोड़ने की गप्प मारी थी। ५० थर कैसा यानी ५० खोके लगाए। खोके इन्होंने लिया, मलाई इन्होंने खाई और जनता को क्या मिला? तो कुछ भी नहीं। आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह गंदी, मलिच्छ राजनीति महाराष्ट्र की जनता को कतई पसंद नहीं आई। जनता ही उन्हें जोरदार सबक सिखाएगी, आदित्य ठाकरे ने ऐसा भी कहा। गद्दारों में थोड़ी भी शर्म बची होगी तो उन्हें पहले इस्तीफा देना चाहिए, इस मौके पर ऐसी चुनौती भी उन्हें दी।
राज्य में बेईमानी के लिए जगह नहीं
पचोरा के बाद शिवसंवाद यात्रा का तूफान धरनगांव में दाखिल हुआ। धरनगांव में आदित्य ठाकरे की सभा में जनसैलाब उमड़ा। इस दौरान बोलते हुए उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि सत्ता का घमंड मत दिखाओ, जनता सहन नहीं करेगी। उन्होंने यह भी चुनौती दी कि महाविकास आघाड़ी सरकार को क्यों गिराया, गद्दार इसका जवाब जनता को दें। हमने क्रांति की, हमने विद्रोह किया आदि ये गद्दार सीना तानकर कहते हैं। क्रांति, विद्रोह करने के लिए हिम्मत की जरूरत होती है। ये गद्दार पहले सूरत के बाद गुवाहाटी भागकर गए। उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद ये गद्दार गोवा में नाच रहे थे। ऐसी राजनीति आपको स्वीकार है क्या, ऐसा सवाल आदित्य ठाकरे द्वारा पूछते ही उपस्थित जनसमुदाय ने एक सुर में ‘नहीं’ कहकर जवाब दिया।
गद्दारों को क्या मिला बाबाजी का ठुल्लू! आदित्य ठाकरे का तीखा प्रहार
290