गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सभी राजनैतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी लामबंदी शुरू कर दी है। भाजपा भी इस लड़ाई के लिए तैयारियों में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। चाहें गृहमंत्री अमित शाह हों या पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा के सभी नेता गुजरात चुनावों के लिए मिशन मोड में हैं। वे एक के बाद एक गुजरात के दौरे कर रहे हैं। वहीं, गुजरात में जीत दर्ज करने के लिए भाजपा ने माइक्रोमैनेजमेंट की रणनीति पर फोकस किया है। भाजपा ने अपनी इस रणनीति के तहत अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों और अनुभवी चुनाव प्रबंधकों को जमीन पर उतार दिया है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा अलग अलग राज्यों के अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों और अनुभवी चुनाव प्रबंधकों को एक-एक जिला सौंपकर गुजरात की विधानसभा सीटों का माइक्रो मैनेजमेंट करने जा रही है। ये पदाधिकारी अपने प्रभारी जिले में भाजपा की पैठ को मजबूत करने का काम करेंगे। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, अपनी इस रणनीति के तहत भाजपा ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश सहित अन्य कई राज्यों के वरिष्ठ नेताओं को चुनाव मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदारियां सौंप दीं हैं। इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय नेतृत्व के कई अन्य पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी मिली है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के जिन नेताओं को गुजरात विधानसभा चुनाव में सीट मैनेजमेंट के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा भेजा जा रहा है वेअनुभवी चुनाव प्रबंधक हैं। उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि वे आवंटित सीटों पर आकलन करके अपनी प्रतिक्रिया पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ साझा करेंगे और स्थानीय नेताओं के साथ समन्वय भी करेंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को वडोदरा और छोटा उदयपुर जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह, आणंद और जामनगर जिलों को पार्टी के दो अन्य राष्ट्रीय महासचिवों सीटी रवि और तरुण चुघ को सौंपा गया है। साथ ही, मध्य प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा को बनासकांठा सीट और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को कच्छ जिले की जिम्मेदारी दी गई है। अरविंद सिंह भदौरिया और इंद्र सिंह परमार को क्रमशः भरूच और खेड़ा की जिम्मेदारी दी गई है। ये दोनों नेता मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। वहीं, बिहार के एक भाजपा नेता नितिन नबीन को सूरत का प्रभार दिया गया है, जहां एक बड़ी प्रवासी आबादी है।इसके अलावा पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान इकाई के अपने नेताओं से विशेष रूप से राजस्थान-गुजरात सीमा से सटे 46 विधानसभा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है। राजस्थान के भाजपा विधायक नारायण सिंह देवल को उन नेताओं का समन्वयक नियुक्त किया गया है, जिन्हें राज्य से गुजरात में चुनाव के लिए प्रतिनियुक्त किया जाएगा।गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी इस बार माधवसिंह सोलंकी के नेतृत्व में 149 विधानसभा सीटें जीतने के कांग्रेस के रिकॉर्ड को तोड़ने और एक नया रिकार्ड बनाने की दिशा में लगी हुई है। गुजरात में भाजपा के विपक्ष में बड़ी पार्टी के तौर पर केवल कांग्रेस ही है, हालांकि इस बार गुजरात के चुनावों में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी ने भी चुनावी मैदान में उतरने का दावा किया है। इसके लिए आप के नेता जोर-शोर से प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं।
गुजरात फतह के लिए माइक्रोमैनेजमेंट पर भाजपा का फोकस, इन राज्यों के नेताओं को जमीन में उतारा
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