गुजरात से भले ही बिपरजॉय तूफान गुजर गया है, लेकिन कई परेशानियां अपने पीछे छोड़ गया है। इस तूफान के बाद जहां लाखों लोगों का जन-जीवन अस्त व्यस्त हुआ, वहीं भारतीय रेलवे को भी इस तूफान की वजह से तगड़ा नुकसान हुआ है। करीब दो लाख यात्री ऐसे रहे जिनका सफर इस तूफान के कारण थम गया। बिपरजॉय से पश्चिम रेलवे को करीब 7 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, मौसम विभाग ने 15 जून को बिपरजॉय के गुजरात के तटों से टकराने की भविष्यवाणी जारी की थी। एहतियात के तौर पर रेलवे ने 12 जून से लेकर 16 जून तक कई ट्रेनों को रद्द कर दिया या फिर रूट बदल दिया था। मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए भावनगर, राजकोट, अहमदाबाद मंडल आने वाली और यहां से गुजरने वाली ट्रेनों को पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया था। इस वजह से करीब दो लाख से ज्यादा यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पश्चिम रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार,इस बिपरजॉय तूफान के कारण पश्चिम रेलवे को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है। तूफान के बाद जब नुकसान का आकलन किया गया तो पता चला कि रेलवे को 6.79 करोड़ का नुकसान हुआ है। बिपरजॉय के कारण मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर श्रेणी की कुल 103 ट्रेनों के 249 फेरे प्रभावित हुए। वहीं 40 ट्रेनों की दूरी घटा दी गई। इसके अलावा अनारक्षित ट्रनों के पूरी तरफ से रद्द होने के कारण करीब 1 लाख 54 हजार यात्रियों को अपने सफर से वंचित रहना पड़ा। बिपरजॉय तूफान के दौरान 103 ट्रेनों की 249 ट्रिप प्रभावित हुई।
तूफान से 5000 करोड़ रुपये का कारोबार थमा
गुजरात में तूफान से सबसे ज्यादा नुकसान कच्छ और सौराष्ट्र में हुआ। इस क्षेत्र के अधिकतर इलाके डूब गए हैं। हालांकि सरकार का दावा है कि चक्रवात से राज्य में किसी की मौत नहीं हुई। 23 लोग घायल हुए हैं और काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। कुछ इलाकों की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। जानकारी के अनुसार, इस तूफान की वजह से बिजली कंपनी पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड को भारी नुकसान हुआ है। बिजली के 5,120 खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। कम से कम 4,600 गांवों में बिजली नहीं थी लेकिन अब 3,580 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। चक्रवात के चलते बंदरगाह बंद हैं। इससे व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अनुसार 5000 करोड़ रुपये का कारोबार थम गया है। कच्छ में 5 लाख टन नमक तूफान के साथ आई बारिश में बह गया। मोरबी में एशिया का सबसे बड़ा सिरेमिक क्लस्टर बंद हो गया है।
गुजरात में तूफान से सबसे ज्यादा नुकसान कच्छ और सौराष्ट्र में हुआ। इस क्षेत्र के अधिकतर इलाके डूब गए हैं। हालांकि सरकार का दावा है कि चक्रवात से राज्य में किसी की मौत नहीं हुई। 23 लोग घायल हुए हैं और काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। कुछ इलाकों की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। जानकारी के अनुसार, इस तूफान की वजह से बिजली कंपनी पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड को भारी नुकसान हुआ है। बिजली के 5,120 खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। कम से कम 4,600 गांवों में बिजली नहीं थी लेकिन अब 3,580 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। चक्रवात के चलते बंदरगाह बंद हैं। इससे व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अनुसार 5000 करोड़ रुपये का कारोबार थम गया है। कच्छ में 5 लाख टन नमक तूफान के साथ आई बारिश में बह गया। मोरबी में एशिया का सबसे बड़ा सिरेमिक क्लस्टर बंद हो गया है।