गुजरात में विधानसभा चुनाव का एलान होने से पहले समान नागरिकता संहिता को लेकर चर्चाएं काफी तेज हो चली हैं। भाजपा इसके पक्ष में है, जबकि विपक्षी नेता विरोध जता रहे हैं। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से समान नागरिकता संहिता को लेकर सवाल पूछा गया तो वह भड़क गए। उन्होंने भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि उनकी नीयत में खोट है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में साफ-साफ लिखा है कि समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है। ऐसे में सरकार को इसे लागू करना चाहिए। वहीं, इसे ऐसा बनाना चाहिए, जिसमें सभी समुदायों की रजामंदी हो, लेकिन उनकी नीयत में खोट है। केजरीवाल ने इस दौरान उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड चुनाव से पहले भी एक समिति बनाई गई थी, जो चुनाव जीतने के बाद अपने घर चली गई। अब यही काम गुजरात में भी किया जा रहा है। चुनाव के बाद यहां की समिति भी अपने घर चली जाएगी। केजरीवाल ने पूछा कि अगर समान नागरिक संहिता लागू करनी ही है तो मध्यप्रदेश में क्यों नहीं करते? उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं बनाते? अगर उनकी नीयत समान नागरिक संहिता लागू करने की होती तो इसे क्यों नहीं बनाते और देश में लागू क्यों नहीं करते? क्या वे लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं? इन्हें समान नागरिक संहिता लागू नहीं करनी है, बल्कि इनकी नीयत खराब है।
गुजरात में समान नागरिक संहिता के सवाल पर भड़के केजरीवाल, बोले- उनकी नीयत खराब
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