4 दिन रेकी करके चुराए ‘६४ लाख’
२०० कैमरे की फुटेज खंगाल कर पुलिस ने खोला राज
जितेंद्र मल्लाह / मुंबई
प्रतिस्पर्धा के युग और मुंबई जैसे बड़े शहरों की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास अपने बच्चों और खासकर बुजुर्ग परिजनों के लिए वक्त नहीं होता है। ऐसी अकेले रहने वाले बुजुर्ग अक्सर आपराधिक प्रवृति वाले लोगों का शिकार बन जाते हैं। ऐसा ही एक मामला मुंबई के जुहू इलाके से सामने आया है। जहां एक बहुमंजिला इमारत की छठवीं मंजिल पर अकेले रहने वाले बुजुर्ग के घर में कुछ दिन पहले चोरी हुई थी। वारदात उस समय हुई थी जब बुजुर्ग दोपहर के समय किसी कारणवश घर से बाहर गए थे। पॉश इलाके में दिन दहाड़े हुई चोरी की इस घटना से पुलिस की साख दांव पर लग गई थी। इमारत में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था लेकिन डीसीपी मंजूनाथ सिंह के मार्गदर्शन तथा वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अजीत कुमार वर्तक के नेतृत्व में एपीआई विजय धोत्रे की टीम ने चोरी की इस वारदात का राजफाश किया तो सभी हैरान रह गए।
विजय धोत्रे की टीम ने वारदात के दौरान इलाके में मौजूद मोबाइल फोनों की जानकारी जुटाई। साथ ही परिसर के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली। जिससे एक संदिग्ध नंबर और ऑटो रिक्शा पुलिस के संज्ञान में आया। करीब २०० सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल कर ऑटोरिक्शा के प्रवास का पुलिस ने अध्ययन किया। और नालासोपारा से वारदात को अंजाम देने वाले चोर को दबोच लिया।
ड्राइवर ने लिया था बदला जिस चोर को विजय धोत्रे की टीम ने पकड़ा था वह पेशे से चौकीदार था। चोर ने बताया कि जुहू में रहने वाले पीड़ित बुजुर्ग का ड्राइवर उसका दोस्त है। बुजुर्ग ने करीब महीने भर पहले ड्राइवर को काम से निकाल दिया था। इससे खुद को अपमानित महसूस कर रहा ड्राइवर बुजुर्ग से बदला लेना चाहता था। बुजुर्ग की पत्नी और बच्चे विदेश में रहते हैं और ड्राइवर जानता था कि इमारत की छठवीं मंजिल पर मौजूद दोनों फ्लैट पीड़ित बुजुर्ग के ही हैं। इसके अलावा बुजुर्ग रुपया पैसा आदि कहां रखता था ये भी ड्राइवर जानता था और उसने बुजुर्ग के तिजोरी आदि की डुप्लीकेट चाबी भी बनवा लिया था। ड्राइवर ने पूरी जानकारी और चाबी देकर चौकीदार को चोरी करने के लिए भेजा था। एक झटके में अमीर बनने के लालच में फंसा चौकीदार करीब ४ दिन तक इमारत के बाहर खड़े होकर मौके का इंतजार करता था। २८ मई को बुजुर्ग किसी काम से दोपहर में घर से बाहर निकला और इमारत का बुजुर्ग चौकीदार भी गेट पर नहीं था। इसी मौके की तलाश में लगा चोर (चौकीदार) इमारत में घुस गया और चोरी करके आराम से बाहर निकल गया।