भारतीय कप्तान विराट कोहली का मानना है कि खेल में खामियों को परखने की जिम्मेदारी खुद खिलाड़ी की है और चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी के आलोचकों को उन्हें खुद इसका आकलन करने के लिए छोड़ देना चाहिए। मौजूदा भारतीय टीम में कोहली के बाद पुजारा टेस्ट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने 86 मैचों में 6267 रन बनाए हैं, लेकिन उन पर अक्सर जरूरत से ज्यादा डिफेंसिव रवैया अपनाने के आरोप लगते रहे हैं। इससे उनके साथ बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ियों पर दबाव बढ़ जाता है। पुजारा के बारे में पूछे जाने पर कोहली ने तीसरे क्रम पर खेलने वाले अपने भरोसेमंद बल्लेबाज का बचाव करते हुए कहा कि, ‘इस बारे में पिछले कुछ समय से बात हो रही है और मैं ईमानदारी से महसूस करता हूं कि इस तरह के प्रतिभा और अनुभव वाले खिलाड़ी को खेल की कमियां निकालने के लिए अकेला छोड़ दिया जाना चाहिए।’
कप्तान ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस स्तर पर खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारियों का पता होता है और गैर जरूरी आलोचना उन्हें परेशान नहीं करती, कम से कम पुजारा को तो नहीं। उन्होंने कहा, ‘इसी तरह मेरे या इस टीम के किसी अन्य खिलाड़ी के साथ, हम उन चीजों के बारे में बहुत जागरूक हैं, जिसे हमें टीम के लिए करने की जरूरत है। मैं बाहर से कह सकता हूं कि आलोचना अनावश्यक है, लेकिन मैं इस बात को जानता हूं कि पुजारा को इसकी परवाह नहीं है और ऐसी आलोचना उतनी ही प्रासंगिक है जितनी आप चाहते हैं।’
कोहली ने पहले टेस्ट के लिए अंतिम 11 खिलाड़ियों का खुलासा नहीं किया, ना ही यह बताया कि टीम में सलामी बल्लेबाज के तौर पर लोकेश राहुल को जगह मिलेगी या हनुमा विहारी खेलेंगे। उन्होंने हालांकि यह जरूर कहा कि शार्दुल ठाकुर के पास सभी फॉर्मेट में ऑलराउंडर बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा, ‘हां, उसे (ऑलराउंडर) बनाया जा सकता है। वह पहले से ही एक टैलेंटेड क्रिकेटर है और यह अधिक से अधिक आत्मविश्वास हासिल करने के बारे में है। उसके जैसा कोई खिलाड़ी टेस्ट या किसी भी फॉर्मेट की टीम को संतुलित बनाने में मदद करता है।’