कोरोना वायरस ने बीते कुछ दिनों में भारत में जिस तरह से अपने पैर फैलाए हैं, उसने हर किसी का ध्यान खींचा है। इस बीच सभी राज्य भी इसको लेकर खासा सतर्क हो गए हैं।
गुजरात के हाई कोर्ट ने राज्य में कोविड-19 स्थिति को लेकर दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है। एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने कहा कि आम लोगों और कोरोना के बीच जंग जैसे हालात हो गए है। साथ ही उन्होंने लोगों से रिमडिसीविर इंजेक्शन के लिए जल्दबाजी न करने का आग्रह किया। त्रिवेदी ने कहा कि लॉकडाउन एक समाधान नहीं है, यह दिहाड़ी मजदूरों को प्रभावित करेगा। उन्होंने सेल्फ लॉकडाउन का सुझाव दिया। त्रिवेदी कहते हैं कि उत्पादन से, 70% ऑक्सीजन स्वास्थ्य क्षेत्र में जाना चाहिए
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर गुजरात सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। गुजरात सरकार ने सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर को 30 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया है। यह फैसला सभी ऑफलाइन कक्षाओं के लिए है. सभी ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। इससे पहले कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए सूरत शहर में लगाए गए रात्रिकालीन कर्फ्यू को रविवार से जिले के ग्रामीण हिस्सों में भी विस्तारित कर दिया गया।
सूरत के जिलाधिकारी धवल पटेल ने शनिवार रात एक अधिसूचना जारी कर कर्फ्यू को रविवार से 30 अप्रैल तक ग्रामीण हिस्सों में भी विस्तारित कर दिया। अधिसूचना के मुताबिक कर्फ्यू रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक लगा रहेगा। सूरत राज्य का पहला जिला है, जहां शहरी और ग्रामीण, दोनों ही इलाकों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया गया है।
जनता और कोविड के बीच जंग छिड़ी है, लॉकडाउन कोई समाधान नहीं: गुजरात HC
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