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जयंत चौधरी बोले- किसान-वैज्ञानिक और शिक्षक समाज के तीन स्तंभ, भविष्य तय करने में उनकी अहम भूमिका

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केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने सोमवार को कहा कि किसान, वैज्ञानिक और शिक्षक समाज के तीन स्तंभ हैं। देश के भविष्य की कल्पना करने में अहम भूमिका निभाते हैं। वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 की चौथी वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के हितधारकों की सिफारिशों के बाद एनईपी 2020 जैसी दूरदर्शी नीति तैयार की गई। पुरानी प्रणाली की विरासत से अलग होकर इसने शैक्षिक परिदृश्य में क्रांति लाने के साथ इसे 21वीं सदी की जरूरतों के साथ जोड़ा है। साथ ही शिक्षा सुधार के लिए राज्यों को साथ मिलकर काम करने की अपील की। दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर ऑडिटोरियम में एनईपी 2020 की चौथी वर्षगांठ के मौके पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2024 का आयोजन किया गया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान संसद सत्र के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा कि एनईपी 2020 की चार साल की यात्रा देश की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी बदलाव ला रही है। एनईपी 2020 सीखने के परिदृश्य को बदलने, देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने, जनसंख्या को सशक्त बनाने और सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने की आशा का प्रतीक है। शिक्षा मंत्रालय ने कार्यक्रम में करियर मार्गदर्शन दिशा-निर्देश जारी किया। इस जॉब कार्ड में 500 से अधिक नए जमाने के मार्केट डिमांड वाले कौशल की जानकारी दी गई है। छात्र इसके माध्यम से आगे भविष्य की तैयारी कर सकते हैं। भारतीय भाषाओं को सीखने की सुविधा देने वाला तमिल चैनल लांच हुआ। टीवी पर अब छात्र अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकेंगे। वहीं, 10 दिन बिना बैग से स्कूल जाने की गाइडलाइन समेत दृष्टिबाधितों शिक्षकों के ब्लूबुक पुस्तक अब ब्रेल और ऑडियो में भी जारी की गई। इससे दृष्टिबाधितों को पढ़ाई में मदद मिलेगी। इसके अलावा शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (एनपीएसटी), एआईसीटीई, नीति आयोग और एआईएम द्वारा स्कूल इनोवेशन मैराथन और ग्रेजुएशन विशेषताओं और व्यावसायिक दक्षताओं पर एक पुस्तक भी लांच की गई।

सभी बोर्ड के एक पाठयक्रम और मूल्यांकन पर मंथन
कार्यक्रम के दौरान केंद्र और राज्यों की शिक्षा पाठ्यक्रम, नौकरी की संभावनाओं, उद्योग-अकादमिक सहयोग में स्थिरता का महत्व आदि पर चर्चा हुई। इसमें देश के सभी बोर्ड का एक पाठ्यक्रम और मूल्यांकन, उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में रैंकिंग और मान्यता की भूमिका, एनसीएफ-एफएस और एनसीएफ-एसई की मुख्य विशेषताएं और कार्यान्वयन रोडमैप, पीएम श्री (स्कूल शिक्षा और कौशल, विद्याशक्ति के माध्यम से साइंस स्ट्रीम और सकल दर अनुपात बढ़ाने में संस्थानों की भूमिका आदि शामिल था।