नई चुनौतियों के बीच आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर बेहतर रहने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी मासिक रिपोर्ट में कहा, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में नरमी के बाद तीसरी तिमाही का परिदृश्य बेहतर दिखाई दे रहा है। इसका पता अक्तूबर व नवंबर के लिए महत्वपूर्ण आंकड़ों (जीएसटी संग्रह, पीएमआई आदि) से चलता है। इसके अलावा, ग्रामीण मांग मजबूत है। अक्तूबर-नवंबर, 2024 में दोपहिया-तिपहिया वाहनों की बिक्री 23.2 फीसदी बढ़ी है। ट्रैक्टर और यात्री वाहनों की बिक्री में क्रमशः 9.8 फीसदी व 13.4 फीसदी तेजी रही है। रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, जलाशय में जल स्तर का अधिक होना और पर्याप्त उर्वरक उपलब्धता रबी बुवाई के लिए अच्छा संकेत है।
नीतिगत दरों पर गहराई से सोचने की है जरूरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि शेयर बाजार का ऊंचा स्तर बड़ा जोखिम पैदा कर रहा है। डॉलर की मजबूती और अमेरिका में नीतिगत दर पर पुनर्विचार ने उभरते बाजार की मुद्राओं को दबाव में ला दिया है। इससे उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक नीति-निर्माताओं को नीतिगत दरों के बारे में और अधिक गहराई से सोचने की जरूरत है। इसमें आगे कहा गया है कि कृषि क्षेत्र का दृष्टिकोण आशावादी है। इससे उम्मीद बंधी है कि खाद्य कीमतों का दबाव धीरे-धीरे कम होगा।
तीसरी तिमाही में बढ़ेगी अर्थव्यवस्था की रफ्तार ग्रामीण मांग मजबूत, पर नई चुनौतियों से खतरा
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