#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

तीसरी तिमाही में बढ़ेगी अर्थव्यवस्था की रफ्तार ग्रामीण मांग मजबूत, पर नई चुनौतियों से खतरा

2

नई चुनौतियों के बीच आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर बेहतर रहने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी मासिक रिपोर्ट में कहा, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में नरमी के बाद तीसरी तिमाही का परिदृश्य बेहतर दिखाई दे रहा है। इसका पता अक्तूबर व नवंबर के लिए महत्वपूर्ण आंकड़ों (जीएसटी संग्रह, पीएमआई आदि) से चलता है। इसके अलावा, ग्रामीण मांग मजबूत है। अक्तूबर-नवंबर, 2024 में दोपहिया-तिपहिया वाहनों की बिक्री 23.2 फीसदी बढ़ी है। ट्रैक्टर और यात्री वाहनों की बिक्री में क्रमशः 9.8 फीसदी व 13.4 फीसदी तेजी रही है। रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, जलाशय में जल स्तर का अधिक होना और पर्याप्त उर्वरक उपलब्धता रबी बुवाई के लिए अच्छा संकेत है।
नीतिगत दरों पर गहराई से सोचने की है जरूरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि शेयर बाजार का ऊंचा स्तर बड़ा जोखिम पैदा कर रहा है। डॉलर की मजबूती और अमेरिका में नीतिगत दर पर पुनर्विचार ने उभरते बाजार की मुद्राओं को दबाव में ला दिया है। इससे उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक नीति-निर्माताओं को नीतिगत दरों के बारे में और अधिक गहराई से सोचने की जरूरत है। इसमें आगे कहा गया है कि कृषि क्षेत्र का दृष्टिकोण आशावादी है। इससे उम्मीद बंधी है कि खाद्य कीमतों का दबाव धीरे-धीरे कम होगा।