दिग्गज अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। 62 वर्षीय अभिनेत्री ने थिएटर और फिल्मों में ही नहीं छोटे पर्दे पर भी अपनी अलग पहचान बनाई है। अभिनेत्री ने अपने करियर में एक ऐसा समय भी देखा है, जब घर चलाने के लिए उनके पास पैसे नहीं हुआ करते थे। हाल ही में अभिनेत्री ने एक सत्र के दौरान थिएटर के अपने शुरुआती दिनों को लेकर बात की। इस दौरान अभिनेत्री ने कहा कि अगर यह पैसे के लिए नहीं होता तो कोई भी थिएटर कलाकार टीवी और सिनेमा के लिए अपना पेशा नहीं छोड़ता। दरअसल, हिमानी शिवपुरी शनिवार शाम को बीकानेर हाउस में राजेंद्र यादव स्मृति समारोह में थिएटर और महिलाओं पर एक सत्र के दौरान बोल रही थीं। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) स्नातक ने अभिनेत्री ने स्वीकार किया कि 1980 के दशक में जब उन्होंने और उनके पति ज्ञान शिवपुरी ने शौकिया तौर पर थिएटर का काम किया था, तब उनका गुजारा करना मुश्किल था। अभिनेत्री ने कहा, ‘हम महीने में एक हजार रुपये कमाते थे और कभी-कभी वह भी नहीं। हमें घर चलाना था और बच्चों को खिलाना था। यह बहुत ही मुश्किल था। मुझे लगता है कि अगर थिएटर के पास पैसा होता, तो कोई अभिनेता या अभिनेत्री कभी भी इसे नहीं छोड़ता।’ हिमानी शिवपुरी ने कहा, ‘अगर शोबिज से जुड़े नाम, प्रसिद्धि और पैसे को अलग रखा जाए, तो एक अभिनेता के लिए थिएटर से बड़ी कोई संतुष्टि नहीं है। यह (थिएटर) किसी भी दवा से ज्यादा नशीला है।’ अभिनेत्री ने उस समय को याद किया जब उन्हें 1990 के दशक की शुरुआत में दूरदर्शन का शो ‘हमराही में काम करने के लिए थिएटर थेस्पियन राम गोपाल बजाज उर्फ ‘बज्जू भाई’ द्वारा एनएसडी रिपर्टरी कंपनी से बाहर कर दिया गया था। अभिनेत्री ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मुझे इसे आशीर्वाद कहना चाहिए या क्या, लेकिन अगर बज्जू भाई ने मुझे बाहर नहीं किया होता तो मैं अभी भी थिएटर कर रही होती।’
अभिनेत्री ने कहा, ‘थिएटर मेरा पहला और आखिरी प्यार होगा। आप अपना पहला प्यार मत भूलना, एक महिला विशेष रूप से कभी नहीं भूलती है। नीना गुप्ता सहित मेरे वरिष्ठ, एनएसडी के बाद सीधे मुंबई गए, लेकिन मैंने थिएटर करने का फैसला किया था। 1980 के दशक में महिलाओं के लिए थिएटर में उतरना मुश्किल समय था। हालांकि, अब स्थिति बदल रही है। संघर्ष अभी बाकी है, लेकिन आज लोग थिएटर को सिनेमा की सीढ़ी के रूप में देखने लगे हैं। इसलिए यह थोड़ा आसान हो गया है।’