शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री दादा भुसे ने मंगलवार को दावा किया कि शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत की राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ वफादारी झूठी है। भूसे ने विधानसभा में बोलते हुए राउत को इस्तीफा देने की चुनौती दी और कहा कि वह ‘गद्दारों’ के वोट पर राज्यसभा सांसद बने हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट एकनाथ शिंदे और 39 बागी विधायकों पर तंज कसने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल करता है। मंत्री राउत के एक ट्वीट का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि भुसे ने एक कंपनी के नाम पर किसानों से 178.25 करोड़ रुपये के शेयर एकत्र किए, लेकिन इसकी वेबसाइट पर 47 सदस्यों के मुकाबले केवल1.67 लाख रुपये के शेयर दिखाए गए हैं। भुसे ने कहा कि अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे, लेकिन अगर आरोप गलत साबित होते हैं तो राउत को राज्यसभा सांसद और सामना के संपादक के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। राकांपा नेता और विपक्ष के नेता अजित पवार ने भुसे द्वारा शरद पवार के संदर्भ पर आपत्ति जताई और टिप्पणी को रिकॉर्ड से हटाने की मांग की। विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बाद में कहा कि वह भुसे की टिप्पणी की जांच करेंगे।
दादा भुसे का राउत पर पलटवार, बोले- आरोप सही साबित हुए तो छोड़ दूंगा राजनीति, अगर गलत निकले तो..
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