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दूसरे राज्यों का हवाला देने पर भड़के शशि थरूर, बोले- महिलाओं के दर्द का गलत इस्तेमाल कर रही BJP

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह मणिपुर की भयावह घटना में महिलाओं की तकलीफ का दुरुपयोग कर रही है और विपक्ष शासित राज्यों में महिलाओं पर हमलों का हवाला देकर इसे बढ़ावा दे रही है। दरअसल, भाजपा पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार में महिलाओं के खिलाफ कथित अत्याचार की घटनाओं का मुद्दा उठा रही है और विपक्ष की चुप्पी पर सवाल उठा रही है। विपक्ष इसे हिंसा प्रभावित मणिपुर में स्थिति पर बहस से बचने के लिए ध्यान भटकाने की रणनीति बता रहा है। विपक्ष की इस मांग के बारे में पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर पर बयान देना चाहिए, थरूर ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘मुझे लगता है कि यह (विपक्ष के नजरिए से) समझने योग्य विचार है। आज राष्ट्र के सामने सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि हमारा एक राज्य जल रहा है, पड़ोसी राज्य मिजोरम के लिए पहले से ही परिणाम हैं। हम ऐसी स्थिति देख रहे हैं कि सरकार के मुख्य कार्यकारी से कम कोई भी इस पर नहीं बोल सकता है, जिसके बाद गृह मंत्री और अन्य अपनी भूमिका निभा सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने संसद के बाहर मीडिया से बात करना उचित समझा, जब संसद का सत्र चल रहा हो, यह स्वीकार्य नहीं है। प्रधानमंत्री संसद के प्रति जवाबदेह होते हैं, संसदीय लोकतंत्र का यही पूरा तर्क है।’ थरूर ने एक ट्वीट में कहा कि ‘मणिपुर की डरावनी कहानी’ में महिलाओं की दुखद पीड़ा का सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा विपक्ष शासित राज्यों में महिलाओं पर हमलों का हवाला देकर ‘व्हाटओवर’ को बढ़ावा देने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है। तिरूवनंतपुरम से सांसद थरूर ने आरोप लगाया, ‘जब भी ऐसी शर्मनाक घटनाएं हुई हैं, राज्य सरकारों ने पीड़ितों के साथ तुरंत और सहानुभूति से कार्रवाई की है, जबकि मणिपुर में अधिकारियों की मिलीभगत है और वे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय सच्चाई को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘इन अत्याचारों पर हो-हल्ला मणिपुर संघर्ष के जातीय और सांप्रदायिक तत्वों, गिरजाघरों को अपवित्र करने और जलाने, पुनरुत्थानवादी समूहों के अतिवाद और शक्तिशाली लोगों के संरक्षण में फल-फूल रहे मादक पदार्थों की तस्करी के शातिर व्यापार को छिपाने के लिए भी किया जा रहा है।’ थरूर ने कहा कि इनमें से कोई भी तत्व विपक्ष शासित किसी भी राज्य में नहीं पाया जा सकता है। सरकार मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा कराने पर सहमत हो गई है और गृह मंत्री इसका जवाब दे रहे हैं, लेकिन विपक्ष पहले प्रधानमंत्री के बयान की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है। मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध के बीच मानसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कोई महत्वपूर्ण कामकाज नहीं हो सका।

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