मुंबई
महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी देकर आरोप लगाया है कि राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर का कुछ हिस्सा प्रदेश में सत्तारूढ़ शिवसेना नीत गठबंधन को अस्थिर करने की कोशिश का हिस्सा है। राज्य ने अनुरोध किया है कि सीबीआई को एफआईआर से उक्त हिस्से को हटाने का निर्देश दिया जाए। कोर्ट को 30 अप्रैल को दी गई अर्जी में सरकार ने दावा किया है कि सीबीआई ने एफआईआर में फिलहाल निलंबित चल रहे मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे की पिछले साल हुई तैनाती और अन्य पुलिस अधिकारियों के तबादले को भी शामिल किया है। राज्य सरकार ने कहा कि वकील जयश्री पाटिल द्वारा देखमुख और मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत में उक्त मुद्दे शामिल नहीं हैं।
पाटिल सहित अन्य लोगों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पांच अप्रैल को सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए गलत व्यवहार और भ्रष्टाचार के मुद्दे की प्रारंभिक जांच करे। आरोप लगने के बाद पाटिल ने शिकायत दर्ज कराई थी और देशमुख तथा सिंह की कथित भूमिकाओं की जांच की मांग की थी।
पाटिल ने इससे पहले अदालत को बताया था कि उन्होंने देशमुख और सिंह दोनों के खिलाफ 21 मार्च को मालाबार हिल थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने और प्राथमिक जांच करने में असफल रही। अदालत ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए अभी तारीख तय नहीं की है।
देशमुख के खिलाफ CBI के FIR में उद्धव सरकार को अस्थिर करने की कोशिश! बॉम्बे हाई कोर्ट से शिकायत
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